scorecardresearch
 

लखनऊ हादसा: 'सुबह 6 बजे तक चिल्लाती रही उज़मा...', मौत से लड़कर निकली आफरीन ने बताई उस रात की कहानी

आफरीन, अलाया बिल्डिंग के चौथे फ्लोर पर रहती थीं. मलबे में दबे होने के दौरान आफरीन की बात उज़मा से हो रही थी. उज़मा दीवार के दूसरी तरफ दबी पड़ी थी और सुबह 6 बजे तक बात कर रही थी. वह (उज़मा) कह रही थी कि मेरा बच्चा बहुत छोटा है मुझे निकाल लो.

Advertisement
X
अलाया अपार्टमेंट हादसे में उज़मा और उनकी सास बेगम हैदर की मौत हो गई है
अलाया अपार्टमेंट हादसे में उज़मा और उनकी सास बेगम हैदर की मौत हो गई है

लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट को जमींदोज हुए 72 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी भी इस हादसे से लोग उभर नहीं पाए हैं. हादसे के सर्वाइवर पूरे घटनाक्रम को याद करके सिहर उठ रहे हैं. वह जिंदगी और मौत के बीच अटकी सांसों की दास्तान जब सुनाते हैं तो लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं.

Advertisement

कुछ ऐसा ही वाक्या सुनाया आफरीन ने. आफरीन, अलाया बिल्डिंग के चौथे फ्लोर पर रहती थीं. आजतक के साथ बातचीत में आफरीन ने बताया कि मैं शाम को खाना बनाने जा रही थी, तब तेज़ झटका महसूस हुआ और देखते ही देखते मैं गिर गई, मैं किचन के सिंक के पास गिरी थी और मेरे ऊपर स्लैब गिर पड़ा, मैं उठ नहीं सकती थी.

आफरीन ने बताया, 'दीवार के उस तरफ़ से उज़मा की तेज़-तेज़ चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी. उज़मा ऊपर (पांचवीं मंज़िल) के फ़्लैट में रहती थीं, उनकी सास जिनको सब लोग अम्मम कहते थे, उनकी भी आवाज़ आ रही थी, उज़मा अपने बेटे के बारे में पूछ रही थी. मेरे पॉकेट में फ़ोन था, जो मैंने लेटे-लेटे ही निकाला, लेकिन उसमें नेटवर्क नहीं था, फिर नेटवर्क आया तो अपने पति को फ़ोन किया. उज़मा को मैंने बताया कि उनके बेटे को निकाल लिया गया है.'

Advertisement
आफरीन

आफरीन के मुताबिक, 'अम्मन (उज़मा की सास) को रात में ही पता चल गया था कि वो नहीं बचेंगी, उन्होंने कहा- सबको अम्मम का ख़ुदा हाफ़िज़. सुबह 6 बजे तक उज़मा बात करती रही, उनके सिर पर चोट लगी थी और पसलियां टूट गयी थीं, वह (उज़मा) कह रही थी कि मेरा बच्चा बहुत छोटा है मुझे निकाल लो, मुझे निकाला गया तब भी उज़मा ने कहा कि रेस्क्यू वालों को बोलो मुझे जल्दी निकाले, मैं अब सांस नहीं ले पा रही हूं, लेकिन उज़मा को अपना लोकेशन नहीं पता था.'

आफरीन ने बताया, 'शायद कोई फ़र्निचर भी उनके (उज़मा) ऊपर गिरा था, लेकिन कई घंटों तक उनको निकाला नहीं जा सका.' आफरीन जब यह बातें बता रही थीं तो उनकी आंखें नम थीं. इस हादसे में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्बास हैदर की पत्नी उज़मा और उनकी मां बेगम हैदर की मौत हो गई.

हादसे के वक्त अब्बास हैदर घर में नहीं थे. घर में अब्बास के माता-पिता के साथ पत्नी और 6 साल का बच्चा था. अब्बास के पिता और बच्चे को पहले निकाल लिया गया था, लेकिन उनकी मां को करीब 15 घंटे और पत्नी उज़मा को करीब 17 घंटे बाद निकाला जा सका था. दोनों को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

Advertisement

 

TOPICS:
Advertisement
Advertisement