लखनऊ में लापता लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के इंजीनियर का शव नहर में मिला. पुलिस ने बताया कि इंजीनियर की पत्नी ने दो दिन पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई. मृतक स्कूटी लेकर घर से निकला था. मोबाइल घर पर ही छोड़ गया था. फिलहाल, पोस्टमार्टम के बाद शव घरवालों को सौंप दिया गया है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
डीसीपी (लखनऊ ईस्ट) शशांक सिंह ने न्यूज एजेंसी को बताया, "गोसाईंगंज इलाके के पास इंदिरा नगर नहर में एक शव मिला है. इसकी पहचान लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता विवेक कुमार सोनी के रूप में हुई है." शशांक सिंह के मुताबिक, विवेक की पत्नी ने मंगलवार को आशियाना थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह घर से निकला था और वापस नहीं लौटा.
आगे की जांच में पता चला कि बुधवार को उसकी मोटरसाइकिल इंदिरा नहर के पास मिली थी. संदेह के आधार पर पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम को नहर में तलाशी के लिए बुलाया, जिसके बाद गुरुवार को उसका शव बरामद हुआ.
डीसीपी ने बताया, "कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी."
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गोंडा के रहने विवेक कुमार सोनी पीडब्ल्यूडी में जूनियर इंजीनियर थे. वर्तमान में वह लखनऊ के आशियाना इलाके में गर्वमेंट क्वार्टर में पत्नी सीमा और बेटे के साथ रह रहे थे. मृतक के रिश्तेदार ने बताया कि विवेक ने अपने दोनों मोबाइल घर पर ही छोड़ दिए थे. हफ्ते भर पहले विवेक ने पिता को कॉल करके काम में मन ना लगने की बात कही थी. इसके बाद वह मंगलवार को अचानक बिना कुछ बताए कहीं चले गए, तब से परिवार परेशान था. अब उनकी लाश मिली.
इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने इस घटना के सिलसिले में राज्य की कानून व्यवस्था की आलोचना की. पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "लखनऊ में कार्यरत पीडब्ल्यूडी इंजीनियर विवेक सोनी आज इंदिरा डैम में मृत पाए गए. वे दो दिन से लापता थे. उनके लापता होने से लेकर उनकी मौत तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला. प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है और सत्ता के भूखे बाबा जी की आठ साल में यही एकमात्र उपलब्धि है."