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लखनऊ मेयर चुनाव: BJP किस प्रत्याशी पर चलेगी दांव, कैसा होगा जातीय समीकरण? सपा-बसपा भी तैयार

उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव दिसंबर में होने की उम्मीद है. इसके लिए अभी से भारतीय जनता पार्टी के साथ ही समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. भाजपा के लिए ये चुनाव प्रतिष्ठा का मुद्दा भी बन गया है. यूपी के 18 नगर निगम में बीजेपी मेयर पद जीतने की कवायद में जुट गई है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव दिसंबर के आखिर में होने की उम्मीद है. यूपी में 18 नगर-निगम हैं, ऐसे में 18 मेयर चुने जाने हैं. बीजेपी सभी 18 नगर-निगम में अपने मेयर बनाने की तैयारी में जुट गई है. प्रतिष्ठा के लिहाज से लखनऊ का मेयर होना सबसे बड़ी बात मानी जाती है. फिलहाल इस सीट पर लगातार बीजेपी का कब्जा रहा है. संयुक्ता भाटिया बीजेपी की तरफ से लखनऊ की मेयर हैं. जबकि पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी लखनऊ के मेयर रह चुके हैं. दिनेश शर्मा मेयर के बाद सीधे डिप्टी सीएम बनाए गए थे. ऐसे में लखनऊ का मेयर पद खासी प्रतिष्ठा से जुड़ा है.

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लखनऊ को लेकर संशय बरकरार है. अगर यह महिला सीट रही तो बीजेपी फिर से संयुक्ता भाटिया को मेयर के पद के लिए चुनाव में उतार सकती है, जबकि दूसरे कई दावेदार भी इस बार मैदान में हैं. बीजेपी के सांसद और केंद्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से ही हैं. जबकि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी लखनऊ कैंट से विधायक हैं. अब सवाल यह है कि क्या मेयर के चुनाव में बीजेपी कोई नया जातीय समीकरण बिठाएगी?

लखनऊ शहर से प्रतिनिधित्व के तौर पर ठाकुर और ब्राह्मणों का ठीक-ठाक वर्चस्व  है. ऐसे में बीजेपी से कायस्थ, वैश्य और ब्राह्मण भी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. बीजेपी के भीतर एक चर्चा यह भी है. अगर महिला सीट की जगह यह सामान्य सीट होती है तो भी संजुक्ता भाटिया की दावेदारी रह सकती है, क्योंकि बीजेपी महिला चेहरे को आगे रख सकती है.

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चाहे विधायक हों, मंत्री हो या फिर मेयर लखनऊ की सीटों से जुड़े फैसले में राजनाथ सिंह इच्छा का सम्मान किया जाता है. ऐसे में मेयर पद का उम्मीदवार जो भी होगा, उसे बीजेपी के साथ-सथ राजनाथ सिंह की पसंद भी होना होगा.

मेयर चुनाव को लेकर जातीय समीकरण भी बिठाए जा रहे हैं. बीजेपी के बड़े धड़े के बीच में चर्चा है कि ब्राह्मण और क्षत्रिय बिरादरी को लखनऊ से बड़े पद दिए गए हैं. इसिए अब इस बार दावेदार कायस्थ और वैश्य हैं. संयुक्ता भाटिया पंजाबी खत्री बिरादरी से आती हैं. वैश्य बिरादरी से जो नाम सामने हैं, उसमें नीरज गुप्ता, अमित गुप्ता और पूर्व नगर अध्यक्ष सुधीर हलवासिया का नाम है.

ब्राह्मण बिरादरी से दिवाकर त्रिपाठी का नाम रेस में है, जबकि कायस्थ बिरादरी से ओपी श्रीवास्तव ,संतोष श्रीवास्तव और बीजेपी प्रवासी प्रकोष्ठ के सह संयोजक अनुराग श्रीवास्तव का नाम चर्चा में है. ओपी श्रीवास्तव का नाम एमएलसी और विधानसभा चुनाव के वक्त प्रमुखता से उभरा था. वहीं, अनुराग श्रीवास्तव बीजेपी के माइक्रो डोनेशन कराने के कार्यक्रम में लखनऊ से अव्वल रहने पर चर्चा में आए थे.

हालांकि, समाजवादी पार्टी और बीएसपी दोनों इस बार लखनऊ मेयर पद को लेकर अपनी तैयारियों में जुटे हैं. लेकिन फिलहाल कोई नाम इनकी तरफ से आगे नहीं आया है. लेकिन बीजेपी के भीतर मेयर पद को लेकर जातीय समीकरण फिट किए जा रहे हैं.लखनऊ से लेकर दिल्ली तक उम्मीदवारों की दौड़ जारी है.

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