लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक रिटायर्ड रेलवे अधिकारी को साइबर जालसाजों ने 8 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. इतना ही नहीं, आरोपियों ने पीड़ित को डरा धमकाकर 12 लाख रुपये की ठगी भी कर डाली. दरअसल, सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में रहने वाले रिटायर्ड भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) अफसर कमल कुमार सक्सेना को साइबर जालसाजों ने 8 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा. जालसाजों ने उन्हें मनी लॉन्डरिंग में संलिप्तता की बात कहकर डराया और 12 लाख रुपये वसूल लिए.
घटना के बाद कमल कुमार सक्सेना ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है. उनके मुताबिक, छह दिसंबर को अनजान नंबर से कॉल आई. फोन करने वाले ने अपना नाम राहुल सिंह बताया और कहा कि उनके मोबाइल नंबर का गैर कानूनी काम में इस्तेमाल किया गया है और इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस से की गई है.
पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि जब उन्होंने आरोपी से कहा कि बताया गया नंबर उनका नहीं है, तो राहुल ने कॉल किसी गोपेश कुमार को ट्रांसफर कर दी. गोपेश कुमार ने खुद का परिचय दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में तैनात इंस्पेक्टर के रूप में दिया और कमल कुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होने की बात कही.
सीबीआई अधिकारी बनकर ट्रांसफर कराए 12 लाख
आरोपियों ने झांसा दिया कि अगर केस खत्म करना है तो डीसीपी सीबीआई नवजोत सिमी से बात करनी होगी. कमल कुमार के अनुसार, सात दिसंबर को अनजान नंबर से कॉल आई. कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी नवजोत सिमी बताया और एक बैंक खाते में फौरन 12 लाख रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा. साथ ही बताया कि ब्लॉकचेन सत्यापन के माध्यम से उनकी संपत्तियों की जांच के लिए भुगतान करना जरूरी है.
90 लाख के शेयर भी बिकवा डाले
डर और दबाव में आकर पीड़ित ने दो बैंक खातों से पहली बार में 9 लाख और फिर तीन लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद कथित सीबीआई अधिकारी ने निवेश के बारे में सवाल-जवाब किया तो कमल कुमार ने सारी जानकारी दे दी. इसके बाद जालसाज ने उनके डिमैट खाते में मौजूद 90 लाख रुपये के शेयर बिकवा डाले और 40 लाख रुपये आरटीजीएस करने के लिए कहा.
13 दिसंबर की दोपहर कमल बैंक पहुंचे पर फॉर्म भरने और अन्य औपचारिकताओं में शाम हो गई. 14 और 15 दिसंबर को बैंक बंद था. 16 दिसंबर को जालसाज ने फिर संपर्क किया और बैंक जाकर रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा. शक होने पर पीड़ित ने घरवालों से बात की तो ठगी का पता चला.