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पिता और छोटे भाई की मौत से टूटे बेटे ने खाया जहर, सदमे में मां को पड़ा दिल का दौरा; झकझोर देगी ये खबर

UP News: डेढ़ महीने पहले ही पति और छोटे बेटे के खोने से मां रूबी गम में डूबी हुई थी. अब उन्हें बड़े बेटे श्रीकांत के गुजर जाने का पता लगा तो वह बुरी तरह टूट गईं. अपने इकलौते सहारे के चले जाने का सदमा रूबी बर्दाश्त नहीं कर पाईं और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया.

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मृतक श्रीकांत और अस्पताल में भर्ती उसकी मां रूबी. (फाइल फोटो)
मृतक श्रीकांत और अस्पताल में भर्ती उसकी मां रूबी. (फाइल फोटो)

UP News: राजधानी लखनऊ में हुई एक घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया. शहर के त्रिवेणी नगर निवासी एक परिवार के छोटे बेटे की हार्ट अटैक से हुई मौत से दुखी पिता ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. अब डेढ़ माह बाद घर के बड़े बेटे ने भी जहर खाकर जान दे दी. इस सदमे में मां को दिल दौरा पड़ गया. गंभीर हालत में महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

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लखनऊ के त्रिवेणी नगर की मौसम बाग कॉलोनी का यह मामला है. यहां रिटायर्ड इंजीनियर नागेंद्र प्रताप सिंह अपने बेटे सूरज प्रताप सिंह, बहू रूबी और दो पोतों श्रीकांत और कृष्णकांत के साथ रहते थे. 

बुजुर्ग नागेंद्र प्रताप सिंह पर दुखों का पहाड़ तब टूटा, जब बीती 31 मार्च को उनके छोटे पोते कृष्णकांत की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. उधर, बेटे की मौत से सदमे में डूबे पिता सूरज प्रताप सिंह ने भी उसी दिन अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया था. 

इसके करीब डेढ़ माह बाद बीते सोमवार को फिर बुजुर्ग नागेंद्र के परिवार पर भी फिर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा. अब उनके बड़े पोते श्रीकांत ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. 

इकलौते बचे बेटे की मौत से मां को हार्ट अटैक

डेढ़ महीने पहले ही पति और छोटे बेटे को खोने से मां रूबी गम में डूबी हुई थी. अब उन्हें बड़े बेटे श्रीकांत के गुजर जाने का पता लगा तो वह बुरी तरह टूट गईं. अपने इकलौते सहारे के चले जाने का सदमा रूबी बर्दाश्त नहीं कर पाईं और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. पड़ोसी रूबी को लेकर शहर के मिडलैंड हॉस्पिटल लेकर गए. फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज जारी है. 

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बुजुर्ग नागेंद्र के मुंह से नहीं निकल रहे शब्द 

अपने बेटे और 2 पोतों की मौत ने घर के बुजुर्ग नागेंद्र प्रताप सिंह को भी झकझोर कर रख दिया है. पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने सोमवार को श्रीकांत के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी अपने हाथ ली. वहीं, अस्पताल में भी भर्ती बहू रूबी की तीमारदारी में उनके करीबी लगे रहे. उधर, इतनी बड़ी विपत्ति से बुजुर्ग नागेंद्र की आंखों के आंसू सूख गए हैं. वह कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं. सिर्फ खामोशी अख्तियार कर आने-जाने वालों से मिल रहे हैं. साथ ही बीच बीच में अस्पताल में भर्ती बहू के बारे में पूछ रहे हैं. ये भी पढ़ें:- शादी के दूसरे दिन दूल्हे की मौत, हाथों की मेहंदी उतरने से पहले विधवा हो गई दुल्हन 

जॉब छूटने और घर में दो मौतों से दुखी रहने लगा था श्रीकांत

इंजीनियरिंग कर चुके श्रीकांत प्रताप सिंह की लॉकडाउन के दौरान जॉब छूट गई थी. तभी से वह अपने लखनऊ स्थित घर पर ही रह रहा था. इसी बीच मार्च में पिता और भाई की मौत ने उसे दुखी कर दिया. अब सोमवार को जब वह देर तक सोकर नहीं उठा तो मां ने उसे जगाया. लेकिन वह कुछ बोला नहीं. फिर उसके बाबा नागेंद्र बाहर जाकर पड़ोसियों को बुलाकर लाए. पड़ोसी श्रीकांत को अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.     

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