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लखनऊ: सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा के नमाज पढ़ने पर सियासी बवाल, BJP MLA बोले- हिंदू धर्म को धोखा दे रहे तो मुसलमानों के सगे कैसे होंगे?

UP News: बीजेपी MLA शलभमणि ने सपा विधायक पर निशाना साधते हुए कहा, "टोपी पहनकर, इफ्तारी खाकर और नमाज पढ़कर इन लोगों ने नुकसान किया है. सपा सरकार दंगे करवाती थी. गोल टोपी पहनकर ये अपने धर्म के साथ मजाक कर रहे हैं. हिंदू होकर नमाज पढ़ रहे हैं, हिन्दू धर्म को धोखा दे रहे हैं तो मुसलमानों के सगे कैसे होंगे?"

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रमजान के महीने में रोजेदारों के बीच MLA रविदास मेहरोत्रा.
रमजान के महीने में रोजेदारों के बीच MLA रविदास मेहरोत्रा.

UP News: राजधानी लखनऊ में रमजान के महीने के दौरान समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा के नमाज पढ़ने और इफ्तारी में शामिल होने की घटना ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है. मंगलवार को मॉल एवेन्यू स्थित दरगाह दादा मियां में आयोजित रोजा इफ्तार कार्यक्रम में रविदास मेहरोत्रा ने रोजेदारों के साथ नमाज अदा की और इफ्तारी की. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं.

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लखनऊ मध्य से सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने इस मौके पर कहा कि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और इसमें कोई सियासी मकसद नहीं है. हालांकि, इस घटना पर बीजेपी विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. 

देवरिया सीट से विधायक शलभमणि ने सपा विधायक पर निशाना साधते हुए कहा, "टोपी पहनकर, इफ्तारी खाकर और नमाज पढ़कर इन लोगों ने नुकसान किया है. सपा सरकार दंगे करवाती थी. गोल टोपी पहनकर ये अपने धर्म के साथ मजाक कर रहे हैं. हिंदू होकर नमाज पढ़ रहे हैं, हिन्दू धर्म को धोखा दे रहे हैं तो मुसलमानों के सगे कैसे होंगे?" देखें Video:- 

BJP विधायक के इस बयान ने विवाद को और हवा दे दी है. शलभमणि ने सपा पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है. दूसरी ओर, सपा समर्थकों का कहना है कि रविदास मेहरोत्रा का यह कदम गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है, जो उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान रही है.

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यह घटना ऐसे समय में हुई है जब राज्य में पहले से ही धार्मिक और सियासी मुद्दों पर बहस छिड़ी हुई है. रविदास मेहरोत्रा के नमाज पढ़ने का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. कुछ लोग इसे सौहार्द का संदेश मान रहे हैं, तो कुछ इसे सियासी नाटक करार दे रहे हैं.

फिलहाल, इस मामले ने यूपी की सियासत में एक नया मोड़ ला दिया है. सपा और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज होने की संभावना है, क्योंकि दोनों पक्ष अपने-अपने तर्कों के साथ इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में जुट गए हैं.

(इनपुट: आरपी सिंह)

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