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टेलीग्राम पर देते थे टास्क, कंप्लीट करने पर पैसे डबल करने का लालच... गिरोह बनाकर आठ करोड़ रुपये की कर ली ठगी

यूपी एसटीएफ (UP STF) ने साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये गिरोह टेलीग्राम पर टास्क देता था, जिसे पूरा करने के पास पैसे दोगुने होने की बात कही जाती थी. जब कोई बड़ा अमाउंट लगा देता था तो उसके पैसे उड़ा देते थे. इस तरह इन ठगों ने करीब आठ करोड़ रुपये की ठगी की है. फिलहाल गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

यूपी एसटीएफ (UP STF) ने ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से लोगों को टास्क देता था, फिर उसे पूरा करने पर रुपए दोगुने करने का लालच दिखाकर ठगी कर लेता था. ये गिरोह कमीशन पर अलग-अलग बैंक खातों का संचालन कर रुपयों को USDT में अलग-अलग ऐप के माध्यम से कन्वर्ट कर लेता था. इसके बाद अपने वॉलेट में ट्रांसफर कर लेता था.

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जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ को काफी दिनों से इस बारे में सूचना मिल रही थी, जिसमें बताया जा रहा था कि कुछ लोग सोशल मीडिया के माध्यम से मैसेज भेजकर टास्क देते हैं, बदले में रुपये दोगुने करने का लालच देते हैं. 

एसटीएफ ने जांच शुरू की तो साइबर क्राइम लखनऊ से पता चला कि तीन आरोपियों के खिलाफ दिसंबर 2023 में लखनऊ के साइबर थाने में 9 लाख की ठगी का केस दर्ज है. जानकारी के बाद इन्हें अरेस्ट किया गया और पूछताछ की गई. अधिकारियों का कहना है कि ये आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को मैसेज भेजते थे.

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मैसेज भेजकर एक टास्क पूरा करने की शर्त रखी जाती थी, फिर उसे पूरा करने पर लगाई गई रकम को दोगुने करने का लालच दिया जाता था, फिर जो भी जाल में फंसता था, उसका ऑनलाइन अकाउंट gginm.com पर खुलवाया जाता था. इसी अकाउंट में लोगों का पैसा डलवाते थे. पहले जो रकम आती थी, उसे दोगुना करके डाल देते थे. इसके बाद बड़ी रकम आते ही खातों से निकाल लेते थे.

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एसटीएफ ने बताया कि जिन बैंक खातों का ये लोग इस्तेमाल करते थे, वह जरूरतमंद लोगों के होते थे, जिन्हें पैसे का लालच देकर उनके नाम से खोला जाता था. आरोपियों ने करीब 200 से ज्यादा बैंक खाते लोगों को कमीशन के नाम पर खुलवाए थे. इनमें ठगी की रकम डाली जाती थी, इस तरह इन्होंने 8 करोड़ की ठगी की है.

गिरफ्तार आरोपी प्रकाश नवल ने पूछताछ में बताया कि उसने साल 2014 में आईटीआई किया. इसके बाद 2016 से 2020 तक बैंकों में क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट में भी काम किया था. वहीं 2020 से 2023 तक जयपुर में कार्यरत रहा. 

इसी बीच सितंबर 2023 में टेलीग्राम पर मैसेज आया कि आपको यूपीआई पेमेंट का मल्टीनेशनल कंपनी में कलेक्शन मैनेजर के पद पर जॉब का ऑफर है, यदि काम करना चाहें तो कर सकते हैं. कंपनी क्रिप्टो में इन्वेस्ट करती है. आपके बैंक खाते में रुपये भेजे जाएंगे, जिसमें आप 12 प्रतिशत कमीशन काटकर TETHER USDT में कन्वर्ट करके कंपनी के वॉलेट में ट्रांसफर करना होगा. आप जितने भी बैंक खाते उपलब्ध कराएंगे, उनमें प्रतिदिन 1 से 2 लाख रुपये आएंगे.

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आरोपी ने एसटीएफ को बताया कि इसके बाद उसने अपने चचेरे भाई मोंटू से बातचीत की और कहा कि यदि हम लोग किराए के कुछ खाते मैनेज कर लें तो अच्छा फायदा हो सकता है. इसके लिए मोंटू तैयार हो गया. दोनों ने किराए का बैंक खाता लेकर काम करना शुरू कर दिया. TETHER USDT कन्वर्ट करने का काम कैलाश चंद्र सुखेरिया द्वारा किया जाने लगा.

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वहीं जिन बैंक खातों में रुपये आते थे, वे चार से पांच दिन में ब्लॉक हो जाते थे. हम लोग किराए के मल्टीपल बैंक खाते प्रयोग करते थे. ऐसा करके हम लोगों ने 200 बैंक खाते किराए पर लिए, जिनमें अब तक विभिन्न चरणों में लगभग 7 से 8 करोड़ रुपये आए हैं, जिनको हम तीनों मिलकर अपना कमीशन काटकर Tether USDT कन्वर्ट कर कंपनी के वॉलेट में ट्रांसफर कर दिए.

आरोपी द्वारा बताए गए बैंक खाते, वॉलेट व टेलीग्राम अकाउंट की जानकारी ली जा रही है. इसी के साथ गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ काम कर रही है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का फोरेंसिक टेस्ट भी कराया जा रहा है.

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