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ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पर योगी कैबिनेट की मुहर, अब सुप्रीम कोर्ट में होगी पेश

उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने आज निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण तय करने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही ही कैबिनेट ने 21 अन्य प्रस्तावों को भी पास किया. इन प्रस्तावों में अयोध्या को लेकर कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.

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योगी कैबिनेट में कई अहम प्रस्तावों को मिली मंजूरी
योगी कैबिनेट में कई अहम प्रस्तावों को मिली मंजूरी

उत्तर प्रदेश में आज योगी कैबिनेट की अहम बैठक हुई जिसमें  कुल 21 प्रस्ताव पास किए. बैठक के दौरान 4 विश्वविद्यालयो को आशय पत्र जारी करने के प्रस्ताव के अलावा अयोध्या में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्यो के लिए 65 करोड़ का प्रस्ताव पास किया गया. इसके अलावा अयोध्या 14 कोशी परिक्रमा के 4 लेन चौड़ीकरण व विस्तारीकरण के लिए 200 करोड़ का प्रस्ताव भी पास किया गया.

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न्यायालय के सामने होगी रिपोर्ट पेश

बैठक में निकाय चुनाव के सम्बंध में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी, जिसे कैबिनेट ने स्वीकार किया. कैबिनेट मंत्री एके शर्मा ने कहा कि हमारी पार्टी हमारी सरकार पहले भी आज भी उसी को पूर्व आरक्षण से दे रही है और अभी भी देने के लिए पूरी तरीके से तैयार है. उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट अभी न्यायालय के सामने रखेंगे और जैसा न्यायालय निर्देशित करेगा आगे उसी प्रकार काम होगा. कैबिनेट में जिन अन्य प्रस्तावों को मंजूरी मिली, उनमें शामिल हैं-

1-गृह विभाग के अंतर्गत गुंडा नियंत्रण अधिनियम में आंशिक परिवर्तन का प्रस्ताव

2- उत्तर प्रदेश खेल नीति 2023 के प्रस्ताव 

3- अयोधया में परिक्रमा मार्गों में विभिन्न कार्यो के लिए प्रस्ताव 

4- खेल के लिए जिम निर्माण , स्टेडियम निर्माण  के प्रस्ताव 

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5- उत्तर प्रदेश कैबिनेट में स्क्रैप पॉलिसी 

6- औद्योगिक इंडस्ट्रीएल क्लस्टर बनाए जाने का प्रस्ताव  बाराबंकी रायबरेली मऊ में इस प्रयोग जमीनों पर बनाए जाएंगे क्लस्टर.


कल सौंपी थी रिपोर्ट
आपको बता दें कि कल ही ओबीसी आयोग ने निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को हिस्सेदारी देने के लिए अपनी र‍िपोर्ट सौंपी थी.सूत्रों के मुताबिक आरक्षण में बड़े फेरबदल हो सकते है जिसका असर चुनावी समीकरण पर पड़ेगा. नगर विकास विभाग ट्रिपल टेस्ट के आधार पर नगरीय निकायों में मेयर व अध्यक्ष की सीटों का नए सिरे से आरक्षण करेगा. वहीं अभी तक अनारक्षित कई सीटें ओबीसी के खाते में जा सकती हैं.

बदलेगा समीकरण

निकाय चुनाव में जो सीटें पहले सामान्य वर्ग के लिए घोषित हुई थी, अब नई आरक्षण प्रक्रिया में अगर ओबीसी या अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होती हैं तो जनरल कैटेगरी के नेताओं के चुनाव लड़ने की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी. इसी तरह से अगर ओबीसी के लिए आरक्षित सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित घोषित कर दी जाती हैं तो पिछड़ा वर्ग के नेताओं की चिंता बढ़ जाएगी. ऐसे में पहले से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे तमाम नेताओं की उम्मीदवारी पर संकट के बादल गहरा गए हैं.

 

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