माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ अहमद का साला सद्दाम अहमद इन दोनों बरेली जेल में बंद है. बताया जा रहा है कि जेल पहुंचते ही उसने जेल प्रशासन से कहा कि उसे विशेष सेल में नहीं रहना है. उसे उन साथियों साथ रहना है जो जेल में बंद हैं. जेल प्रशासन ने उसकी मांग ठुकरा दी है. उसे विशेष सेल में रखा गया है. वहां एक सुरक्षा कर्मी भी तैनात है. जेल प्रशासन को आशंका है कि सद्दाम कैदियों के साथ रहने के दौरान गैंग बना सकता है.
इस बारे में जानकारी देते हुए वरिष्ठ जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि उसको हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है. वो अकेले वहां पर है. एक पुलिस कर्मी को भी तैनात किया गया है. उस पूरे ब्लॉक में यही दो लोग हैं. उसकी डिमांड थी कि बैरक में रखा जाए.
अधिकारी ने कहा कि बैरक में रखने के दौरान उसे गुर्गे मिल सकते हैं. जो कि जेल के लिए नया सिर दर्द पैदा कर सकते हैं. हमने निर्देश दिया है कि यह जब भी बाहर जाए, इसके साथ डिप्टी जेलर रहें. स्पष्ट आदेश है कि ये अति संवेदनशील व्यक्ति अपने 10 परिचितों के नाम प्रोवाइड करे.
उन्होंने आगे बताया कि सभी नाम वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, संबंधित जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व संबंधित अधिकारी से सत्यापित कराएंगे. सही पाए जाने के बाद ही मुलाकात की अनुमति मिलेगी. मुलाकात करने से पहले सभी की फोटो रिकॉर्ड में रखेंगे.
दुबई से वापस लौटा था सद्दाम
बता दें कि बीते दिनों अशरफ का साला सद्दाम यूपी एसटीएफ (UP STF) के हत्थे चढ़ा था. उस पर एक लाख का इनाम था. उमेश पाल हत्याकांड के बाद से वो फरार चल रहा था. सद्दाम को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. उसकी गिरफ्तारी यूपी एसटीएफ ने की.
यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा सद्दाम उमेश पाल हत्याकांड उमेश पाल हत्याकांड (Umesh murder Case) के बाद दुबई भाग गया था. कुछ महीने दुबई रुकने के बाद भारत वापस लौटा था और दिल्ली में छुपा था, जहां से यूपी एसटीएफ ने उसे धर दबोचा.
उमेश पाल हत्याकांड में था रोल
सद्दाम ने जेल में अपना नेटवर्क खड़ा किया और लल्ला गद्दी की मदद से वह जेल में अशरफ से किसी की भी मुलाकात आसानी से करवा देता था. इसके बाद अशरफ जेल में बैठे-बैठे अपने कारनामों को अंजाम देता था. बताया जा रहा है कि उमेश पाल हत्याकांड से पहले 11 फरवरी को भी जेल में शूटरों से मुलाकात का पूरा प्लान सद्दाम ने बनाया था.
उमेश पाल की दिन दहाड़े हत्या से 13 दिन पहले यानी 11 फरवरी को अशरफ से मिलने 8 से 9 लोग आए थे. इस मुलाकात में अतीक का बेटा असद, लल्ला गद्दी, उस्मान चौधरी और गुड्डू मुस्लिम मोहम्मद सहित करीब 8 से 9 लोग शामिल थे.