यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी को मोतियाबिंद हुआ है. जिला अस्पताल के 3 डॉक्टरों के पैनल ने जांच कर मोतियाबिंद की शुरुआत होने की बात कही है. फिलहाल, डॉक्टरों ने एक महीने की दवाएं दी हैं. अगले एक फिर से जांच की जाएगी.
बता दें कि बीते दिनों मुख्तार अंसारी ने बाराबंकी कोर्ट से गुहार लगाई थी कि मोतियाबिंद हो गया है. आंखों से दिखाई नहीं दे रहा है. इस पर कोर्ट के आदेश के बाद मंडल कारागार प्रशासन ने डॉक्टरों के पैनल से जांच कराई. इसकी रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जाएगी.
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जेल सूत्रों के मुताबिक, मुख्तार अंसारी इन दिनों शुगर, हार्ट की समस्या और ब्लड प्रेशर से परेशान है. इस वजह से वो दिन में 11 से 12 बजे जागता है. शाम 5 बजे नहाता है. परेशान इतना है कि खाना खाने का कोई समय भी निर्धारित नहीं है. एक जमाना था कि जब वो मछलियां खाने के लिए जेल में तालाब तक खुदवा देता था. अब खाना लेकर रख लेता है. कब खाता है, इसका कुछ पता नहीं.
जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर बंदियों को सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. बाराबंकी कोर्ट ने मुख्तार का इलाज कराने का आदेश दिया था. शुक्रवार को डॉक्टरों की टीम ने जांच पड़ताल की. डॉक्टरों द्वारा मोतियाबिंद की शुरुआत बताई गई है और दवाएं दी गई है.
सुरक्षा के लिहाज से बात करें तो मुख्तार की सुरक्षा बहुत सख्त है. एक डिप्टी जेलर और 12 बंदी रक्षक हर महीने दूसरी जेलों से स्पेशल तौर पर मुख्तार की सुरक्षा के लिए आते हैं. साथ ही बांदा जेल से एक डिप्टी जेलर और 12 बंदी रक्षक बॉडी कैम से लैश होते हैं.
बैरक में ड्यूटी करने वाले जवान भी बॉडी कैम से लैश होते हैं. 8 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है. 2 उसकी बैरक में लगे हैं और 6 बैरक के चारों तरफ. पूरी जेल की बात करें तो 73 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. 150 से ज्यादा PAC के जवान, सिविल पुलिस, जेल पुलिस के जवान हैं.