महाकुंभ (Mahakumbh) मेले का आधिकारिक समापन हो चुका है, लेकिन श्रद्धालुओं का संगम (Sangam) क्षेत्र में आना लगातार जारी है. प्रशासन ने कई अस्थायी व्यवस्थाओं को स्थायी रूप से बनाए रखने का फैसला किया है, ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.
एजेंसी के अनुसार, प्रयागराज के कर्नलगंज निवासी नीरज केसरीवानी ने बताया कि हम कुंभ में भारी भीड़ के कारण शामिल नहीं हो सके थे, लेकिन अब जब मौसम सुहावना है और संगम क्षेत्र में एलईडी लाइटों की सजावट है, तो ऐसा लगता है मानो मेला अभी भी चल रहा हो.
दिल्ली से आईं डॉ. दीक्षा ने कहा कि हमने भारी भीड़ की वजह से पहले आने से परहेज किया, लेकिन अब संगम में स्नान कर खुद को धन्य महसूस कर रही हूं. बस एक अफसोस है कि साधु-संतों के दर्शन नहीं कर सकी. उन्होंने सरकार की सौंदर्यीकरण योजनाओं की तारीफ भी की और कहा कि पूरा प्रयागराज बेहद खूबसूरत लग रहा है.
मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं को बनाए रखने का फैसला
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि कुंभ मेले के दौरान जो सुविधाएं विकसित की गई थीं, उनमें से कई को स्थायी रूप से बनाए रखा जाएगा. इनमें एलईडी लाइटिंग, चेंजिंग रूम और स्वच्छ घाट प्रमुख हैं.
एक पखवाड़े के भीतर सभी टेंट हटा दिए जाएंगे, जबकि पॉन्टून पुलों का आंशिक रूप से इस्तेमाल अगले माघ मेले में किया जाएगा. मेले के दौरान कुल 30 पॉन्टून पुल बनाए गए थे.
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महाकुंभ अधीक्षण अभियंता मनोज गुप्ता ने बताया कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए मेले में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट्स लगाई गईं, जिन पर कुल 8 करोड़ रुपये खर्च हुए.
इसके अलावा, 40,000 रिचार्जेबल बल्ब और 48,000 एलईडी लाइटें लगाई गईं, जिससे रोशनी की कोई कमी न रहे. 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए 400 केवी के 85 सब स्टेशन, 250 केवी के 14 सब स्टेशन और 100 केवी के 128 सब स्टेशन स्थापित किए गए.
ऐतिहासिक आंकड़ा... 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान
महा कुंभ मेला 4,000 हेक्टेयर में फैला था और 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चला. इस दौरान करीब 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कई विदेशी गणमान्य व्यक्ति भी इस महाआयोजन का हिस्सा बने.
रेलवे ने मेले के लिए लगभग 5,000 करोड़ रुपये खर्च किए, 21 से अधिक फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए और 16,000 विशेष ट्रेनें चलाईं, जिससे 50 मिलियन यात्रियों को सुविधा मिली. इसी तरह, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने 8,850 बसों का संचालन किया, जो एक नया रिकॉर्ड बना.
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मेले के दौरान 1.5 लाख अस्थायी शौचालय बनाए गए, जिनकी सफाई के लिए 15,000 सफाई कर्मचारी नियुक्त किए गए थे. इसके अलावा, घाटों की सफाई के लिए 2,000 गंगा सेवा स्वयंसेवक भी तैनात किए गए थे.
महाकुंभ मेले के लिए प्रयागराज में एक अस्थायी 76वां जिला 'महाकुंभ नगर' बनाया गया था, जिसे 1 दिसंबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक अस्तित्व में रखा जाएगा. इस जिले की जिम्मेदारी एक जिला मजिस्ट्रेट, तीन अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, 28 उपजिलाधिकारी, एक तहसीलदार और 24 नायब तहसीलदारों को सौंपी गई थी.
सुरक्षा के लिहाज से यहां 56 पुलिस थाने, 155 पुलिस चौकियां, एक साइबर सेल, एक महिला थाना और तीन जल पुलिस थाने बनाए गए थे. महाकुंभ मेले का समापन हो चुका है, लेकिन संगम क्षेत्र की भव्यता और आध्यात्मिक आभा अब भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. प्रशासन द्वारा दी गई सुविधाएं इसे वर्षभर एक आस्था और पर्यटन केंद्र बनाए रखने में मदद करेंगी.