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महाकुंभ: संगम में स्नान करने पाकिस्तान से आए 68 श्रद्धालु

महाकुंभ में सिंध प्रांत से आए मखीजा ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक अविश्वसनीय अनुभव है. मेरे पास इसका वर्णन करने के लिए शब्द नहीं हैं. कल हम गंगा में डुबकी लगाएंगे. यहां आकर मुझे सनातन धर्म में पैदा होने पर गर्व महसूस हो रहा है.

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महाकुंभ
महाकुंभ

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 6 फरवरी को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का एक समूह पहुंचा. ये लोग सोशल मीडिया पर महाकुंभ की भव्यता को देख कर इसमें शामिल होने आए हैं. सिंध प्रांत से आए 68 लोगों में से लगभग 50 लोगों के लिए महाकुंभ का ये पहला अनुभव है. न्यूज एजेंसी से बात करते हुए, आगंतुकों ने कहा कि जब से हमने महाकुंभ के बारे में सुना था, हम यहां आने के लिए उत्सुक थे और इस भव्य महाकुंभ में शामिल होने से रोक नहीं सके.

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उन्होंने याद दिलाया कि पिछले साल अप्रैल में पाकिस्तान से 250 लोगों का एक समूह गंगा में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज आया था और इस बार पर्यटक सिंध के छह जिलों घोटकी, सुक्कुर, खैरपुर, शिकारपुर, करजाकोट और जटाबल से थे, जिनमें से कई लोगों के लिए ये पहला अनुभव है.

यह एक अविश्वसनीयल अनुभव है

महाकुंभ में आए मखीजा ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा यह एक अविश्वसनीय अनुभव है. मेरे पास इसका वर्णन करने के लिए शब्द नहीं हैं. कल हम गंगा में डुबकी लगाएंगे. यहां आकर मुझे सनातन धर्म में पैदा होने पर गर्व महसूस हो रहा है. वहीं महाकुंभ में घोटकी की 11वीं कक्षा की छात्रा सुरभि ने बताया कि वह पहली बार भारत आ रही हैं और कुंभ में भाग ले रही हैं. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए अपने धर्म को गहराई से जानने और समझने का पहला अवसर है. सिंध से पहली बार आईं एक अन्य पर्यटक प्रियंका ने भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त कीं.

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उन्होंने कहा कि मैं एक गृहिणी हूं, मेरे लिए भारत आना और इस महाकुंभ को देखना, मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है. हमारा जन्म और पालन-पोषण मुस्लिम-बहुल समाज में हुआ. मीडिया अक्सर जो दिखाता है, उसके विपरीत, सिंध में हिंदुओं के खिलाफ उतना भेदभाव नहीं है. हालांकि, यहां हमारी संस्कृति को उसके पूर्ण गौरव में देखना एक दिव्य अनुभव है.

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सुक्कुर के श्रमिक निरंजन चावला ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया सिंध में स्थिति ऐसी है कि लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने की आवश्यकता महसूस नहीं होती है, हालांकि, राजस्थान (पाकिस्तान में) जैसे कुछ क्षेत्रों में हिंदुओं को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. 

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50 लाख से अधिक लोगों ने स्नान किया
प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हुआ है और ये 26 फरवरी तक चलेगा. महाकुंभ में अभी भी दो अमृत स्नान 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) को है. गुरुवार दोपहर 12 बजे तक 57 लाख से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ मेले में डुबकी लगा चुके थे. मेले की मेजबानी कर रही उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, अब तक दुनिया भर से लगभग 39 करोड़ लोग यहां पवित्र स्नान कर चुके हैं.

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