
महाकुंभ वाकई एक याद बन कर रहा गया है, इस महाकुंभ में एक तरफ जहां धर्म और अध्यात्म की बात हुई. वहीं, दूसरी ओर महाकुंभ लोगों की कमाई का जरिया भी बन गया था. इसी बीच एक नाविक परिवार महाकुंभ में कमाई को लेकर चर्चा बना हुआ है. क्योंकि इस परिवार ने मेला के दौरान यानि कि पूरे 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये की कमाई सिर्फ नाव चलाकर कर ली. जिसकी चर्चा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कर रहे हैं.
नैनी के अरैल का रहने वाला है परिवार
नाविक का ये महरा परिवार प्रयागराज के नैनी के अरैल का रहने वाला है. इस परिवार का नाव चलवाना ही मुख्य कारोबार है. महाकुंभ के बाद इस परिवार में खुशी का माहौल है. एक दूसरे को मिठाइयां खिलाई जा रहीं हैं. इस ख़ुशी का कारण है कि इनकी महाकुंभ की कमाई की चर्चा विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी खुद कर रहे हैं.
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महाकुंभ में करीब 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी. जिसके चलते पूरे 45 दिन इस परिवार को काम मिला और एक भी दिन इनकी नाव खाली नहीं रही. इस परिवार में सौ से ज़्यादा नाव हैं और हर नाव से 7 से 10 लाख का कारोबार हुआ. अगर कुल अर्जित रकम जोड़ी जाये तो करीब 30 करोड़ के आसपास होती है. ऐसे में पूरे परिवार ने करीब 30 करोड़ रुपये की कमाई की.
नाव का काम करने वाले पिंटू महरा और उनकी मां शुक्लावती इतना खुश हैं कि अपने घर पर लोगों क़ो मिठाई खिला रही हैं. मां- बेटे का कहना है कि योगी सरकार ने जो इंतज़ाम महाकुंभ में किया था, उससे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी और उनको महाप्रसाद के तौर पर ये मेहनत का धन मिला.
महरा परिवार में हैं 500 से ज्यादा नाव
महरा परिवार में 500 से ज़्यादा सदस्य नाव चलवाने का ही करोबार करते हैं. इनकी सौ से ज़्यादा नाव हैं और आसपास के इलाकों से भी इन लोगों ने नाव मंगवा कर चलवाया और लोगों क़ो स्नान कराने ले जाते थे. महरा परिवार का कहना हैं कि निषादों के बारे में इससे पहले कभी किसी ने नहीं सोचा. लेकिन इस सरकार में उन्हें सम्मान मिला और रोज़गार भी मिला. शुक्लावती बताती हैं कि इतना पैसा सभी नाव वालों ने पहली ही बार देखा होगा. इस नाविक परिवार के लोग अब योगी-मोदी का धन्यवाद दे रहे हैं.