प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को माघ पूर्णिमा का स्नान है. ऐसे में सरकार और प्रशासन, दोनों के लिए चुनौती है कि सबकुछ कुशल मंगल तरीके से हो जाए. कारण, मौनी अमास्या के स्नान पर महाकुंभ में मची भगदड़ ने पूरे देश को दहला दिया था. वहीं पिछले कई दिनों से महाकुंभ आने वाले सभी रूटों पर भयंकर जाम लगा. लेकिन अब प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर खुद ट्रैफिक संभालते दिखे. और प्रयागराज में आने वाले 7 रूटों पर ट्रैफिक सामान्य दिखने लगा. अब पूरी तैयारी 12 फरवरी को होने वाले माघ पूर्णिमा के स्नान के लिए की जा रही है.
दरअसल, महाकुंभ के मौके पर प्रयागराज में रोजाना बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ बढ़ रही है. हर दिन करोड़ों की संख्या में लोग संगम तट पर पवित्र डुबकी लगा रहे हैं. मंगलवार को महाकुंभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपने परिवार के साथ संगम में डुबकी लगाई. वहीं एक्टर विद्युत जामवाल ने कहा कि स्नान करने के बाद जो खुशी मिली है, उसके आगे भीड़ कुछ नहीं है. महाकुंभ पहुंचीं अभिनेत्री सोनल चौहान ने संगम में डुबकी लगाई.
पूरा प्रयागराज नो-व्हीकल जोन घोषित
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जबकि अभी 2 बड़े स्नान बाकी हैं. पहला माघ पूर्णिमा पर और दूसरा महाशिवरात्रि पर. ऐसे में 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा का स्नान होना है. लेकिन इस स्नान से पहले और महाकुंभ में भीषण जाम के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से कड़े लहजे में कहा है कि किसी भी स्थिति में जाम नहीं लगना चाहिए. माघी पूर्णिमा पर नया ट्रैफिक प्लान लागू किया गया है. अब मेला क्षेत्र ही नहीं, पूरे शहर को 12 फरवरी तक नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. कल्पवासियों के भी वाहन को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी. सिर्फ प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ी और स्वास्थ्य विभाग के वाहन चलेंगे. VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं.
यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी के लिए राज्य परिवहन विभाग ने 1,200 अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की है, जो हर 10 मिनट में उपलब्ध रहेंगी.
माघ पूर्णिमा पर स्नान से धुलते हैं सब पाप
अब महाकुंभ में माघ पूर्णिमा पर स्नान के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली हैं. 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के स्नान पर प्रशासन की ओर से संगम पर श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए जाएंगे. माना जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन संगम तट पर स्नान करने से कई जन्मों के पापों का नाश हो जाता है. और इसीलिए श्रद्धालुओं की भीषण भीड़ महाकुंभ आ रही है. अनंत आस्था के महाकुंभ में श्रद्धा का ऐसा सैलाब उमड़ा कि बीते वीकेंड पर बनारस, लखनऊ, कानपुर, रीवा, मिर्जापुर, जौनपुर, हर सड़क पर ट्रैफिक का दम घुट रहा था. 10-15 लाख वाहन, 30-40 लाख श्रद्धालु सड़कों पर फंसे तो सोमवार तक हाहाकार मच गया. सीएम योगी ने रातों रात अधिकारियों की क्लास लगा दी. सुबह तक सड़कें खुली दिखने लगीं. अब तैयारी 12 फरवरी के पूर्णिमा स्नान की है. पुलिस ने एक बार फिर मोर्चा संभाल लिया है. दावा है कि प्रयागराज की सीमा में आने वाली सारी सड़कों पर ट्रैफिक सुचारू कर दिया गया है.
महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का महत्व
माघ मास के दौरान हर साल प्रयागराज में विशेष माघ मेला आयोजित होता है, जिसका समापन अंतिम स्नान से ही होता है. करोड़ों श्रद्धालु संगम व गंगा स्नान कर अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन देवता भी गंगा में स्नान करने आते हैं. महाकुंभ के दौरान माघ पूर्णिमा के दिन दान का विशेष महत्व होता है. अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, घी, कंबल और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है. खासकर, जरूरतमंदों को भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है. इसलिए महाकुंभ में जगह-जगह भंडारों के आयोजन की भी तैयारी है.
महाकुम्भ के हर सेक्टर में हाईटेक मेडिकल सेवाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुम्भ क्षेत्र के साथ ही शहर और मंडल के सभी अस्पताल हाई अलर्ट मोड में रहेंगे. श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल, थल और नभ से निगरानी की जा रही है. जिसके तहत 133 एंबुलेंस को तैनात किया गया है, जो किसी भी आपात स्थिति में तत्काल राहत पहुंचाने का काम करेंगी. इसमें 125 एंबुलेंस के अलावा सात रिवर एंबुलेंस और एक एयर एंबुलेंस विशेष रूप से तैनात की गई हैं.
महाकुम्भ क्षेत्र के प्रत्येक सेक्टर में अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था की गई है. छोटे ऑपरेशनों से लेकर बड़ी सर्जरी तक की सुविधा मौजूद रहेगी. महाकुम्भ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि योगी सरकार की आपातकालीन सेवाएं विशेष रूप से एंबुलेंस सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. इस दौरान 2000 से अधिक मेडिकल स्टाफ महाकुम्भ क्षेत्र में तैनात रहेगा, जबकि स्वरूप रानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल में 700 से अधिक मेडिकल फोर्स हाई अलर्ट रहेगी.
एसआरएन में 250 बेड रिजर्व, ब्लड बैंक पूरी तरह तैयार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष निर्देश पर एसआरएन अस्पताल में 250 बेड रिजर्व किए गए हैं. वहीं, आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए यहां पर 200 यूनिट ब्लड भी सुरक्षित रखा गया है. वहीं, महाकुम्भनगर के 500 बेड क्षमता वाले सभी 43 अस्पतालों को भी पूरी तरह से मुस्तैद रखा गया है. स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में 40 बेड का ट्रॉमा सेंटर, 50 बेड का सर्जिकल आईसीयू, 50 बेड का मेडिसिन वार्ड, 50 बेड का पीएमएसएसवाई वार्ड और 40 बेड की बर्न यूनिट को रिजर्व रखा गया है.
इसके अलावा, 10 बेड का कार्डियोलॉजी वार्ड और 10 बेड का आईसीयू भी पूरी तरह तैयार है. यहां संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी प्रधानाचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा के नेतृत्व में की जा रही है, जबकि उप-प्रधानाचार्य डॉ. मोहित जैन और प्रमुख अधीक्षक डॉ. अजय सक्सेना विशेष रूप से श्रद्धालुओं की जरूरतों के मद्देनजर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. आयुष विभाग की 150 मेडिकल फोर्स के साथ 30 विशेषज्ञ डॉक्टर भी श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तैनात किए गए हैं. इनमें एम्स दिल्ली और बीएचयू के चिकित्सा विशेषज्ञ भी सतर्क रहेंगे. डॉ. गिरीश चंद्र पांडेय ने बताया कि क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मनोज सिंह के नेतृत्व में टीम 24 घंटे श्रद्धालुओं की हिफाजत के लिए अलर्ट मोड में है.
अफवाहों पर ध्यान न दें: अधिकारी
प्रयागराज के पुलिस आयुक्त तरुण गाबा ने कहा कि पुलिस महाकुंभ में श्रद्धालुओं को निर्बाध और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. आने वाले वाहनों की संख्या और मार्गों को ट्रैक करने के लिए टोल प्लाजा और पड़ोसी जिलों के अधिकारियों से वास्तविक समय का डेटा एकत्र किया जा रहा है, जिससे उचित यातायात प्रबंधन संभव हो सके. माघ पूर्णिमा से एक दिन पहले मेला क्षेत्र को 'नो-व्हीकल ज़ोन' घोषित किया गया और मंगलवार शाम से प्रयागराज में वाहनों की आवाजाही भी प्रतिबंधित कर दी गई है. प्रशासन ने जनता से सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने या अफवाहों पर विश्वास करने से बचने का भी आग्रह किया है.