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'लगता है फंस गया हूं, प्रोफेशनल लाइफ खराब हो रही...', SDM ज्योति मौर्य केस पर बोले मनीष दुबे

SDM ज्योति मौर्य मामले (SDM Jyoti Maurya Case) में होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे (Manish Dubey) का नाम भी उछला है. उन्होंने इस पर शुक्रवार को अपनी बात सबके सामने रखी. कहा कि अगर मैं और ज्योति आम व्यक्ति होते तो इस केस पर जरूर बोलते. लेकिन, जिस पद पर मैं हूं, कैमरे के सामने कुछ भी बोल नहीं सकता.

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होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे.
होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे.

मेरा और ज्योति का कुर्सी पर बैठना भी गुनाह हो गया है. पता नहीं मैं कहां आकर फंस गया हू्ं... ये शब्द हैं महोबा जिले के होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे (Manish Dubey) के. जी हां, वही मनीष दुबे जिनका नाम आलोक मौर्य (Alok Maurya) ने अपनी पत्नी एसडीएम ज्योति मौर्य (SDM Jyoti Maurya) के साथ जोड़ा है. आलोक का कहना है कि एसडीएम बनते ही ज्योति ने उन्हें छोड़ दिया और मनीष दुबे के साथ रिलेशन में आ गईं.

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अब जब इस केस में मनीष दुबे (Manish Dubey) का नाम जुड़ा तो उन्होंने भी इस पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि अगर मैं और ज्योति आम व्यक्ति होते तो इस केस पर जरूर बोलते. लेकिन जिस पद पर मैं हूं, कैमरे के सामने कुछ भी बोल नहीं सकता. इस केस के कारण ज्योति के साथ-साथ मेरा भी जीना मुहाल हो गया है. हम दोनों का तो कुर्सी पर बैठना ही गुनाह हो गया है.

उन्होंने कहा, ''मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, अच्छी नौकरी कर रहा था. लेकिन अब लगता है कि पता नहीं कहां आकर फंस गया हूं. 'आलोक कह रहा कि उसने ज्योति को पढ़ाया है. लोग भी यही कह रहे हैं, जबकि पढ़ाने-लिखाने का मतलब होता है बचपन से पढ़ाया-लिखाया जाए. जिस पोस्ट पर हम बैठे हैं, क्या सच में कोई हमें बना सकता है?''

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मनीष दुबे ने आगे कहा, ''जो शख्स ज्योति को पढ़ाने-लिखाने का दावा कर रहा है, वो ये तक नहीं बता सकता कि कितने पेपर होते हैं. मुझे हैरानी होती है कि इस चीज को इतना क्यों बढ़ाया जा रहा है. ये तो किसी का पर्सनल मामला है. मैं खुद इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहता. लेकिन इतना जरूर कहना चाहता हूं कि इससे हमारी प्रोफेशनल लाइफ खराब हो रही है. हमारे इस मामले में कुछ भी बोलने से समस्या सुलझेगी नहीं. बल्कि और उलझ जाएगी.''

ज्योति ने दो पेज में शासन को सौंपा अपना जवाब
वहीं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश शासन ने SDM ज्योति मौर्य को पूरे मामले पर जवाब तलब किया था. जिस पर ज्योति मौर्य ने दो पेज में अपना लिखित जवाब शासन को भेजा है. ज्योति मौर्य का जवाब नियुक्ति विभाग को भेज दिया गया है. वह शुक्रवार दोपहर दो बजे लोक भवन पहुंचीं और अपना जवाब देकर वापस चली गईं.

'आलोक ने की मदद, लेकिन टॉर्चर नहीं कर सकते'
बता दें, एसडीएम ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक के बीच का विवाद अब कोर्ट तक भी पहुंच चुका है. चपरासी पति आलोक मौर्य की अफसर पत्नी ज्योति अब कोर्ट में ही अपना पक्ष रखेंगी. ज्योति मौर्य ने डीजी होमगार्ड के आदेश पर शुरू हुई जांच में बयान दर्ज कराने के लिए भेजे गए नोटिस का जवाब देते हुए साफ कहा है कि यह उनका व्यक्तिगत और पारिवारिक मामला है. इसके लिए वह सिर्फ अदालत में ही अपना पक्ष रखेंगी.

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ज्योति ने इस बात को माना है कि आलोक ने पढ़ाई में उनकी मदद की. हालांकि, ये भी कहा कि इसका ये मतलब नहीं कि वे उन्हें अब टॉर्चर करेंगे. ज्योति ने भी आलोक और उनके परिवार पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का मामला दर्ज करवाया है.

क्या बोलीं मनीष दुबे की पत्नी
वहीं दूसरी तरफ मनीष दुबे की पत्नी ने भी खुद को इस कहानी से अलग करते हुए कोई भी बयान देने से मना कर दिया है. मनीष दुबे की पत्नी ने साफ कहा है कि यह उनका परिवारिक मसला है, जिसे वह खुद हल करेंगी.

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