समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक रहे मनोज पांडे ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन किए. इसके बाद अपनी पार्टी पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी की बैठक में विधायकों को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन करने के लिए कहा था. मगर, उन सभी को रोका गया. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सोचिए उसे समय कितना दुख हुआ होगा.
इसी के साथ उन्होंने समाजवादी पार्टी में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य पर भी हमला बोला. कहा कि जब भी देवी-देवताओं पर अनर्गल प्रलाप हुआ है, तब हमेशा मनोज पांडे विरोध में चट्टान की तरह खड़ा रहा है. उन्होंने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन करने के बाद कहा कि बिना राम के हम सब कुछ नहीं हैं. वही हम सबके पालक हैं.
बिना राम के सब सूना है. उन्होंने रामलला के अकल्पनीय और अद्भुत दर्शन का जिक्र किया. मनोज पांडेय ने कहा कि मैं भी इस देश का सनातनी हिंदू हूं, जिसे भगवान श्री राम ने दर्शन दिए हैं. हम सब के लिए यह सौभाग्य की बात है, जब भगवान प्रभु राम अपने स्थाई निवास मे विराजमान हुए और भव्य मंदिर उनकी स्थापना हुई, उनके अकल्पनीय अद्भुत दर्शन हुए.
अखिलेश यादव को बताया राम विरोधी
साफ जाहिर है मनोज पांडे सीधे तौर पर सपा मुखिया अखिलेश यादव को राम विरोधी बता रहे हैं. इसके साथ ही वह पार्टी में टूट का भी यही मुख्य कारण बता रहे हैं. समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक रहे मनोज पांडे ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन करने के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की.
हालांकि, उन्होंने इसे अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास से संबंधित मुलाकात बताया. मगर, अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन के बाद उन्होंने सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को कटघरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि दल की बैठक में मुख्य सचेतक के रूप में उन्होंने विधायकों को श्री राम मंदिर में दर्शन करने की बात कही थी.
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान कई समाजवादी पार्टी के विधायक ने क्रॉस वोटिंग की. सपा विधायक मनोज पांडेय ने इससे पहले मंगलवार को विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद वह सपा विधायक योगी सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह की गाड़ी में बैठकर विधानसभा पहुंचे थे और वोट डाला था.
जीवनभर सनातन और हिंदुत्व के पक्ष में रहेंगे खड़े
मगर, अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए मना कर दिया गया. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इशारों इशारों में ही इसे पार्टी में टूट का कारण भी बता दिया. इसी के साथ उन्होंने समाजवादी पार्टी में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर भी बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि वह हमेशा ऐसे लोगों की वह विरोध में खड़े रहे और जब तक जीवन है, वह सनातन और हिंदुत्व के पक्ष में खड़े रहेंगे.
उन्होंने कहा कि हमारे यह जो शरीर आप देख रहे हैं, इससे अगर आत्मा निकाल दी जाए तो शरीर निर्जीव है. आत्मा है भगवान राम. उनके लिए रोका गया. मैं समझता हूं यह कि भारत देश जैसे देश के लिए दुर्भाग्यशाली था. हम सब जनता की नुमाइंदगी करते हैं. चार लाख, पांच लाख लोगों के बीच में जनता हम सबको समर्थन देकर के भेजने का काम करती है. हम रामलला के दर्शन करना चाहते थे, लेकिन हमें रोका गया. मैंने ही दिल्ली बैठक में प्रस्ताव रखा था. हम समझते हैं कि आज कोई नई चीज नहीं है.