उत्तर प्रदेश में मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालु अब मोबाइल का प्रयोग नहीं कर सकेंगे. श्रद्धालुओं के मोबाइल उन्हीं के पास रहेंगे, लेकिन एक खास तरह के पाउच के अंदर बंद रहेंगे, जिससे मंदिर परिसर में मोबाइल में समय बर्बाद न कर सकें. श्रद्धालुओं को प्रवेश के साथ ही एंट्री गेट पर एक खास पाउच दिया जाएगा, जिसमें मोबाइल लॉक कर दिया जाएगा.
श्रद्धालु स्पेशल पाउच से मोबाइल को मंदिर के बाहर आने पर ही निकाल सकेंगे. बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालु मोबाइल का प्रयोग नहीं कर सकेंगे. प्रशासन के सहयोग से इसको लेकर एक कंपनी ने ट्रायल किया है. इसमें मंदिर में प्रवेश के दौरान श्रद्धालुओं के मोबाइल को एक विशेष प्रकार के डिजिटल पाउच में लॉक करके उन्हें दिया गया.
इसके बाद दर्शन करने के बाद निकास द्वार पर पाउच का डिजिटली लॉक खोला गया और मोबाइल को पाउच से रिलीज कर वापस कर दिया गया. बुधवार को 3 घंटे तक इसका ट्रायल किया गया. करीब 2500 श्रद्धालुओं के मोबाइल फोन डिजिटल पाउच में रखे गए.
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सुरक्षा कारणों के चलते मंदिर में इस तरह की व्यवस्था के लिए कोटा की एक टेक्नोलॉजी कंपनी ने यह ट्रायल किया. तमिलनाडु के मंदिरों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इस प्रकार के डिजिटल पाउच प्रयोग में लाए जा रहे हैं.
बड़ी संख्या में दर्शन करने वृंदावन आते हैं श्रद्धालु
वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. बहुत से श्रद्धालु ऐसे भी होते हैं, जो मंदिर में रील, वीडियो रिकॉर्डिंग या फोटो खींचते दिखाई पड़ते हैं. इसके कारण दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी होती है. फोटो, वीडियो बनाने के चलते मंदिर में श्रद्धालु समय भी बर्बाद करते हैं, जिससे भीड़ बनी रहती है. अगर बांके बिहारी मंदिर में डिजिटल पाउच में मोबाइल रखने की व्यवस्था लागू होती है तो कंपनी प्रत्येक श्रद्धालु से इसका यूजर चार्ज 5 रुपये लेगी, जिसमें से 30 प्रतिशत मंदिर प्रबंधन को दिया जाएगा.
व्यवस्था में लगाई जाएगी 100 लोगों की टीम
इस व्यवस्था के लागू होने पर बांके बिहारी मंदिर में कम से कम 100 लोगों की टीम लगाई जाएगी, जो श्रद्धालुओं को पाउच उपलब्ध कराएगी और बाहर आने पर अनलॉक करेंगी. इस व्यवस्था को लेकर श्रद्धालुओं ने कहा एक दो फोटो तो खींचने देना चाहिए. वहीं अन्य कुछ लोगों ने कहा कि नई व्यवस्था लागू होने से मंदिर में श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी. लोग यहां दिनभर रील बनाने आते हैं.