मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह ने वक्फ बिल को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस बिल को हर हालत में रोकेंगे. यह हमारे लिए जिंदगी मौत का मसला है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो इस देश का मुसलमान जेलों को इस कदर भर देगा कि हुकूमत को मुलाजिमों को रखने के लिए जगह नहीं मिलेगी.
कानपुर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह ने शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद शहर के एक बड़े मदरसे में लोगों से बातचीत की. उन्होंने सरकार की ओर से लाए जा रहे वक्फ संशोधन बिल की खिलाफत की.
'जरूरत पड़ी तो जान भी दे देंगे'
खालिद सैफुल्लाह ने कहा कि यह हमारे लिए जिंदगी और मौत का मसला है और हमें हर कीमत पर इसको रोकना चाहिए. अगर जरूरत पड़ी तो देश का मुसलमान जेलों को इस तरीके से भर देगा कि उनको रखने की जगह नहीं मिलेगी. हम किसी की जान तो नहीं लेंगे लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो अपनी जान देने से भी गुरेज नहीं करेंगे.
'ये बहुत खतरनाक कानून है'
उन्होंने कहा, 'हमारे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सुप्रीम कोर्ट के वकील ने बताया है कि जो सेंट्रल वक्फ काउंसिल है उसमें गैर मुसलमानों को जगह दी जा रही है. अगर इसका मैनेजमेंट गैर-मुस्लिम करेंगे तो क्या उनको आपकी मस्जिदों, कब्रिस्तानों से हमदर्दी होगी? इसका नतीजा क्या निकलेगा? आपकी वक्फ की जमीन आपके पास से चली जाएगी.'
खालिद सैफुल्लाह ने कहा, 'यह बहुत खतरनाक कानून है. इसका मकसद सिर्फ मुसलमान से उनकी वक्फ की जमीन छीनना है. पूरे देश के मंदिरों की बात मैं नहीं करता, सिर्फ तमिलनाडु में 478000 एकड़, आंध्र प्रदेश में 468000 एकड़ मंदिरों की जमीन सिर्फ इन दो राज्यों में हैं. इन दोनों ही राज्यों को मिला लें तो 10 लाख एकड़ सिर्फ दो ही राज्यों में है.'
'क्या कलेक्टर सरकार के खिलाफ फैसला देंगे'
उन्होंने कहा कि अगर मुसलमान के पास पूरे देश में 6 लाख एकड़ जमीन है वक्फ की तो ये क्या जुल्म की बात है. सैफुल्लाह ने कहा कि इस बिल के लागू हो जाने के बाद कलेक्टर इस मामले को सुनेंगे और तय करेंगे और अगर उन्होंने यह कह दिया कि यह जमीन आपके वक्फ की नहीं है तो आपसे ले ली जाएगी. सोचिए जब यह मामला कलेक्टर के हाथ में चला जाएगा तो क्या वक्फ और सरकार के बीच किसी मामले में कलेक्टर सरकार के खिलाफ फैसला देंगे क्योंकि कलेक्टर तो सरकार के ही होते हैं.