बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि मैं अपने भाई-बहन के रिश्ते में बसपा को कमजोर नहीं होने दूंगी. मेरे लिए भाई-बहन सिर्फ एक बहुजन कार्यकर्ता के रूप में हैं. यहां जो भी कार्यकर्ता मेहनत करेगा, उसको जिम्मेदारी मिलेगी. मायावती ने कहा कि कुछ जातिवादी पार्टियां बसपा को किस्म-किस्म के हथकंडे अपना कर कमजोर करने में लगी हैं.
गौरतलब हो कि मायावती का ये बयान ऐसे समय आया है जब बसपा में पिछले दिनों बड़े बदलाव किए गए. पहले भतीजे आकाश आनंद पर एक्शन लिया गया, उन्हें पार्टी से बाहर किया गया. फिर आकाश के पिता ने पार्टी का एक पद छोड़ दिया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने कहा कि जातिवादी पार्टियां बसपा को खत्म करना चाहती हैं. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के टाइम भी इनकी यही मंशा थी. मैं कभी भी बहुजन समाज को टूटने नहीं दूंगी. मैं अपने हर कार्यकर्ता के साथ खड़ी हूं. खासकर दलित वर्गों के लोगों के साथ.
दलित पहले इन जातिवादी लोगों के बराबर कुर्सी पर बैठ नहीं सकते थे. मगर बसपा की सरकार में हमने इसे खत्म किया, आज परिवर्तन देखने को मिल रहा है. कुछ लोग सामाजिक न्याय की बहुत बात करते हैं लेकिन काम नहीं करते. वहीं, मेरी सरकार में कई काम किए गए थे और उन्हें धरातल पर भी उतारा गया था.
बकौल मायावती- इतिहास के पन्नों में यह लिखा जाएगा कि किस तरह से बहुजन समाज के लोगों को बसपा ने अपने पैरों पर खड़ा किया है. विरोधी पार्टियां कुछ लोगों को आगे करके बहुजन समाज को तोड़ने में लगे हैं. देश के प्रधानमंत्री बीच-बीच में अपने ग़रीब जीवन का जिक्र करते हैं लेकिन वह ग़रीबी उन्होंने नहीं देखी जो हमारे महापुरुषों ने देखी है.
मायावती ने कहा कि इस बार बसपा संस्थापक माननीय कांशीराम जी की जयंती यानी 15 मार्च को लाखों लोगों ने इकठ्ठा होकर मनाया है, जिसके लिए पार्टी उनका धन्यवाद करती है. मैं पुनः होली त्योहार के बीच माननीय कांशीराम जी की जयंती मनाकर जो प्यार और विश्वास लोगों ने दिखाया है, उनका आभार व्यक्त करतीं हूं.
बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि इस संसद चल रही है, लोग अपने-अपने स्वार्थ के लिए मुद्दे उठा रहे हैं. वक्फ बोर्ड संशोधन बिल का विरोध चल रहा है, अगर समय पर इस मुद्दे को हल कर लिया गया होता जो आज यह स्थिति नहीं बनती. केंद्र सरकार को मैं इसपर पुनः विचार करने के लिए कहूंगी.