बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा को "आगरा की घटना की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकनी बंद कर देनी चाहिए."
'एक्स' पर किए पोस्ट में बीएसपी प्रमुख ने अखिलेश यादव से अपने पिता मुलायम सिंह यादव की सरकार के दौरान हुई एक घटना को याद करने का आग्रह किया. मायावती ने कहा, "आगरा में हुई घटना के साथ ही सपा प्रमुख को 2 जून 1995 को लखनऊ स्टेट गेस्ट हाउस की घटना को भी याद करना चाहिए, जब इस पार्टी की सरकार के दौरान मुझ पर जानलेवा हमला हुआ था और इसके लिए पश्चाताप भी करना चाहिए."
उन्होंने कहा, "इसलिए सपा को अब आगरा की घटना की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकनी बंद कर देनी चाहिए और आगरा में हुई घटना की तरह यहां दलितों पर और अत्याचार नहीं होने देना चाहिए."
दरअसल, हाल ही में राज्यसभा में राजपूत शासक राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी करते हुए सपा के रामजीलाल सुमन ने उन्हें 'देशद्रोही' कहा था. इसके विरोध में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को आगरा में सांसद सुमन के आवास पर तोड़फोड़ की थी.
सुमन के आवास पर हमले के बाद, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हिंसा की निंदा की और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के तहत उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया. उन्होंने जोर देकर कहा कि सपा राणा सांगा की बहादुरी पर सवाल नहीं उठा रही है और दावा किया कि हमला "सुमन के दलित होने के कारण" हुआ.
एबीवीपी का प्रदर्शन
इस बीच रामजीलाल सुमन का समर्थन करने पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का अखिलेश यादव के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा. लखनऊ में अखिलेश के पुतले को जलाने के लिए एबीवीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई. पुलिस ने विधानसभा के सामने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने अखिलेश का पुतला जला दिया. इस दौरान 'राणा सांगा का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान' के नारे भी लगाए गए.