उत्तर प्रदेश के मेरठ के लोहा व्यापारी अक्षत जैन ने प्रशासन द्वारा कथित तौर पर परेशान किए जाने के विरोध में बुधवार को अपने परिवार के साथ पैदल मार्च निकाला. एक सप्ताह पहले जैन ने अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए गाजियाबाद में जीएसटी कार्यालय के अंदर अपने कपड़े तक उतार दिए थे.
अपने समर्थकों के साथ मार्च करने से पहले अक्षत ने गंगा नगर स्थित जैन मंदिर में अनुष्ठान किया. इसके बाद वह अपने परिवार के साथ लखनऊ के लिए रवाना हो गया, जहां उसने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर जीएसटी अधिकारी के खिलाफ एक्शन लेने तथा उसके खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की मांग करने की बात कही.
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लखनऊ रवाना होने से पहले अक्षत जैन ने कहा- "अगर कोई जीएसटी अधिकारी या कोई अन्य विभाग का अधिकारी मुझे और परेशान करता है, तो मैं अपना कारोबार बंद कर दूंगा और चाबियां मुख्यमंत्री को सौंप दूंगा."
वहीं, विश्व श्रमण संस्कृति श्रीसंघ के राष्ट्रीय सचिव सुदीप जैन ने व्यापारी के प्रति पुरजोर समर्थन जताया. उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक और बेहद निंदनीय है कि गाजियाबाद के जीएसटी अधिकारियों ने अपने कृत्य पर खेद जताने के बजाय लोहा व्यापारी अक्षत जैन के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बता दें कि 4 अक्टूबर को गाजियाबाद के मोहन नगर में वस्तु एवं सेवा कर कार्यालय में अक्षत जैन ने अपने कपड़े उतारकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. जैन ने कहा कि विभाग की ओर से लगातार मिल रही निराशा के कारण उन्होंने ऐसा किया.
उधर, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा- बीजेपी शासन में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' की यही हकीकत है. बीजेपी ने व्यापारियों की गरिमा भी छीन ली है.
इसी के बाद जीएसटी सहायक आयुक्त अंतरिक्ष श्रीवास्तव की शिकायत के आधार पर साहिबाबाद पुलिस ने अक्षत जैन के खिलाफ बीएनएस धारा 132 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 352 (शांति भंग) के तहत एफआईआर दर्ज की थी.