यूपी के मिल्कीपुर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में सपा और बीजेपी के बीच मुकाबला है. लेकिन नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी की एंट्री से ये चुनाव त्रिकोणीय हो गया है. चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी ने सपा के बागी नेता सूरज चौधरी को टिकट दिया है. सूरज का कहना है कि फैजाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने उन्हें मिल्कीपुर से टिकट दिलाने का वादा किया था, लेकिन सांसदी का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने धोखा दे दिया और लखनऊ वाले (अखिलेश यादव) को बहका कर अपने बेटे अजीत प्रसाद के लिए टिकट ले आए.
बता दें कि अवधेश प्रसाद पूर्व में मिल्कीपुर से विधायक थे. लोकसभा चुनाव में सपा ने उन्हें फैजाबाद से चुनाव लड़ाया. चुनाव जीतने के बाद अवधेश को एक सीट छोड़नी पड़ी. उन्होंने विधायकी की सीट छोड़ दी, ऐसे में मिल्कीपुर में अब उपचुनाव होने जा रहे हैं. यहां से तीनों दलों ने दलित उम्मीदवार उतारा है.
अपनी उम्मीदवारी को लेकर आजाद समाज पार्टी के सूरज चौधरी कहते हैं कि 2022 में मैंने तन-मन-धन से मेहनत कर अवधेश प्रसाद को मिल्कीपुर से चुनाव जितवाया. जब उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़ने का मौका मिला तो उन्होंने कहा कि अब इसमें मेरा सपोर्ट करो, मैं उपचुनाव में तुम्हें टिकट दिलवाऊंगा. लेकिन जब सांसद बन गए तो मुझे धोखा दे दिया और टिकट अपने बेटे को दिलवा दिया. मिलने गया तो कहने लगे पार्टी जिसे चाहेगी टिकट देगी. इसलिए मैंने पार्टी छोड़ दी. आज भी मेरे साथ सपा के लोग जुड़े हैं, वो मेरा समर्थन कर रहे हैं. दलित-यादव सब साथ हैं.
सूरज चौधरी ने खुद को मिल्कीपुर का स्थानीय निवासी बताया जबकि सपा के अजीत प्रसाद और बीजेपी के चंद्रभान प्रसाद को बाहरी बताया. उन्होंने कहा कि ये दूसरी विधानसभा के हैं, साथ ही ये लोग बाहर ज्यादा रहते हैं, जनता के बीच में कम.
हालांकि, चंद्रभान पासवान भी अयोध्या/फैजाबाद जिले के ही निवासी हैं. मगर उनका घर रुदौली विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है. चंद्रभान रुदौली से जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं. इसी को आधार बनाकर सपा और आजाद समाज पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उपचुनाव की इस फाइट को 'बाहर बनाम घर' की शक्ल देने की कोशिश में हैं.
बीजेपी उम्मीदवार चंद्रभान पासवान पेशे से वकील हैं और साड़ी के कारोबार से भी जुड़े हुए हैं. बताया जाता है कि पिछले दो साल से वह मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय थे और इस सुरक्षित सीट से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे. बीजेपी से टिकट की रेस में चंद्रभान के सामने पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ की चुनौती थी. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद को मात देकर मिल्कीपुर में कमल खिलाने वाले बाबा गोरखनाथ को 2022 में मात मिली थी. बाबा गोरखनाथ भी बीजेपी से टिकट की रेस में थे लेकिन पार्टी ने इस बार चंद्रभान को तरजीह दी.