उत्तर प्रदेश में बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के पास एक गांव में तेंदुए के हमले में आठ साल की एक लड़की की मौत हो गई. डीएफओ बी शिव शंकर ने कहा कि घटना बुधवार दोपहर को हुई जब शालिनी नाम की लड़की अपने माता-पिता और कुछ अन्य बच्चों के साथ तमोलिनपुरवा गांव में एक खेत में थी.
तेंदुआ पास के गन्ने के खेत से निकला और शालिनी को खींच लिया. उन्होंने बताया कि शोर सुनकर उसकी मां और अन्य ग्रामीणों ने लाठी-डंडों और खेती के औजारों से लैस होकर जानवर को भगाया, लेकिन चोटों के कारण शालिनी की मौत हो गई थी.
शंकर ने कहा,'शोकाकुल परिवार को 10,000 रुपये की तत्काल सहायता प्रदान की गई है.जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद आगे की वित्तीय सहायता दी जाएगी.'
पुलिस और वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा.वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए इलाके में एक पिंजरा लगाया है और उसकी गतिविधियों पर नजर रख रहा है. डीएफओ ने कहा,'हमने ग्रामीणों को सतर्क रहने और खेतों में जाते समय समूहों में काम करने की सलाह दी है.'पिछले एक साल में कतर्नियाघाट जंगल से सटे गांवों में तेंदुए के सात हमले हो चुके हैं.
19 जनवरी 2024 को अयोध्या पुरवा गांव की 11 साल की आयशा की इसी तरह के हमले में मौत हो गई थी.1 मई, 2024 को एक अन्य घटना में, धर्मपुर की आठ साल की शमा की जान चली गई. 13 जून 2024 को धर्मपुर का छह साल का शाहिद भी तेंदुए के हमले का शिकार हो गया.
इसके अलावा 12 जुलाई 2024 को मनोहरपुरवा के 13 साल के अरविंद कुमार की भी इसी तरह हत्या कर दी गई थी. 30 सितंबर,2024 को धर्मपुर के 32 साल के कन्हाई लाल एक और शिकार बने. सबसे हालिया घटना 15 नवंबर, 2024 को हुई, जब सीताराम पुरवा के पांच साल के अभिनंदन को तेंदुए ने मार डाला.
दस दिन पहले रमपुरवा बनकटी गांव में सात साल की बच्ची अपने आंगन में सोते समय तेंदुए के हमले में घायल हो गई थी. ग्रामीणों ने किसी तरह जानवर को भगाया. वन विभाग ने क्षेत्र के ग्रामीणों से सतर्क रहने और जंगली या मैदानी इलाकों में अकेले जाने से बचने का आग्रह किया है.