उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में बीते दिनों सात साल के एक बच्चे का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वह भूख से बेहाल होकर थाने में दारोगा के सामने रो रहा था. पूछने पर उसने बताया कि मां बीमार है और घर में कमाने वाला कोई नहीं है. इसके चलते वह तीन दिन से भूखा है. जिसपर पुलिसकर्मियों ने उसकी मदद की थी. 'आज तक' ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया.
आज (1 दिसंबर) आज उप जिलाधिकारी (चुनार तहसील) दल-बल के साथ बच्चे के पास पहुंचे और उसे सरकारी मदद का भरोसा दिया. बच्चे का नाम सुदामा है. उप जिलाधिकारी ने सुदामा को बताया कि जल्द ही उसे घर मिलेगा और दूसरी सरकारी योजनाओं का लाभ भी. मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना के तहत उसका चयन किया गया है. सुदामा की मदद के लिए सामाजिक कार्यकर्ता भी आगे आ रहे हैं. उसके अस्थाई निवास स्थान पर राशन पहुंचा दिया गया है.
क्या बोले अधिकारी?
उप जिलाधिकारी चंद्रभान सिंह का कहना है कि सुदामा का चयन मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना के तहत किया गया है. साथ ही एक सामाजिक कार्यकर्ता ने एक लाख रुपये की मदद घर बनाने के लिए दी है. अब इस बच्चे को आगे से कोई दिक्कत नहीं होगी. जिलाधिकारी महोदया ने भी मामले का संज्ञान लिया है. उनके निर्देश पर हम यहां आए हैं.
वहीं, अधिकारियों के सामने 7 साल के सुदामा ने कहा- ये सब लोग आए हैं. बोल रहे हैं घर बनेगा. खुश हूं. अब खाने की कोई दिक्कत नहीं है.
जब दारोगा के सामने फूट-फूटकर रोने लगा सुदामा
बता दें कि चुनार तहसील के पटिहटा गांव का रहने वाले सात वर्षीय सुदामा बुधवार (29) को इमियाचट्टी पुलिस चौकी पंहुचा था. जहां वो दारोगा के सामने दहाड़ें मारकर रोने लगा. चौकी प्रभारी दिलीप गुप्ता ने जब बच्चे को पास बुलाया और रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि वह पिछले तीन दिनों से भूखा है. उसने कुछ भी नहीं खाया है.
बच्चे ने यह भी बताया कि उसकी मां पिछले कई दिनों से बीमार है और मां ने कुछ नही खाया है. भूख से परेशान बच्चे की बात सुनकर लोगों की आंखें नम हो गईं. दारोगा समेत बाकी पुलिसकर्मी बच्चे को साथ लेकर उसके घर पहुंचे और खाने-पीने की व्यवस्था कराई.
पिता का निधन, मां बीमार, ऐसी है सुदामा की कहानी
जानकारी के मुताबिक, सुदामा के पिता नारायन गौड़ का निधन तीन साल पहले हो चुका है. उसकी मां किरण देवी मानसिक रूप से बीमार है. मां और बेटे दोनों के पास घर नहीं है. वे काली जी के मंदिर में बने एक कमरे में रहते हैं. सुदामा आसपास के लोगों से मदद मांगकर पेट पालता है. मां की दवाई भी लाता है.
मगर पिछले तीन दिनों से उसे भोजन का एक निवाला तक नही मिला. भूख से परेशान सुदामा को कुछ नहीं समझ आया तो वह अपने और मां के भोजन के लिए पुलिस चौकी पहुंच गया. चौकी प्रभारी दिलीप गुप्ता ने बताया कि बच्चे को मदद पहुंचाई गई है. ग्राम प्रधान को भी मदद के लिए बोला गया है.