यूपी विधानसभा में चिल्लाना और उग्र होकर विरोध प्रदर्शन करना अब विधायकों के लिए भारी पड़ेगा. क्योंकि ऐसा करने पर MLA श्रेष्ठ विधायक पुरस्कार की दौड़ से बाहर हो जाएंगे. यूपी विधानसभा में नई पहल शुरू हो रही है. इसके तहत विधानसभा में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने और अपने क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले विधायकों को पुरस्कृत किया जाएगा और श्रेष्ठ विधायक के खिताब से नवाजा जाएगा. इसकी शुरुआत संसद में दिए जाने वाले श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार की तर्ज़ पर की जा रही है.
नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष भी होंगे समिति के सदस्य
यूपी विधानसभा में ‘श्रेष्ठ विधायक’ पुरस्कार की पहल विधायकों को जहां अपना परफॉर्मेंस सुधारने के लिए प्रेरित करेगी. वहीं अपने क्षेत्र पर ध्यान देने के लिए भी उत्साहित करेगी. यूपी विधानसभा सत्र के सातवें दिन ‘उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार नियम समिति 2022-23’ का पहला प्रतिवेदन पेश किया गया. इसमें तय किया गया कि यूपी विधानसभा के उत्कृष्ट विधायक का चयन एक समिति करेगी. जल्दी ही इस चयन समिति की औपचारिक घोषणा होगी. इस समिति के अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष होंगे. समिति में नेता सदन (leader of house), नेता प्रतिपक्ष (leader of opposition), विधानसभा के उपाध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष की ओर से नॉमिनेट वरिष्ठ विधायक और एक वरिष्ठ पत्रकार सदस्य होंगे. विधानसभा के प्रमुख सचिव समिति के सदस्य सचिव होंगे.
नेता सदन के रूप में जहां सत्ता पक्ष को शामिल किया जाएगा, तो नेता प्रतिपक्ष भी इसमें शामिल होंगे. विधानसभा के इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव दोनों ही समिति में होंगे और श्रेष्ठ विधायक के चुनाव में हिस्सेदारी करेंगे.
पुरस्कार के तौर पर क्या मिलेगा?
श्रेष्ठ विधायक के तौर पर 2 विधायकों का चयन किया जाएगा. इसमें एक सत्ता पक्ष का और एक विपक्ष का विधायक होगा. श्रेष्ठ विधायक के लिए नामांकन पर समिति की बैठक में तय होगा. ये भी तय किया गया कि अगर सर्वसम्मति श्रेष्ठ विधायक के नाम को लेकर नहीं बनती है, तो ऐसी स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष को फ़ैसले का विशेषाधिकार होगा और अंतिम निर्णय वही करेंगे. पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा.
विधायकों को इस आधार पर परखा जाएगा
नियमावली में इस बात का ध्यान रखा गया है कि ज़्यादा विधायकों को मौक़ा मिले. इसके लिए विधायक चुने जाने के बाद एक कार्यकाल में एक ही बार किसी विधायक को पुरस्कार या श्रेष्ठ विधायक का ख़िताब मिलेगा. श्रेष्ठ विधायक बनने के लिए जितना महत्व विधानसभा के अंदर आचरण को दिया गया है, उतना ही विधायक के अपने क्षेत्र में उनके व्यवहार, छवि और काम को दिया गया है. श्रेष्ठ विधायक बनने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र में विधायक का लगातार सक्रिय रहना ज़रूरी है. सार्वजनिक जीवन में व्यवहार, क्षेत्र में काम कराने को लेकर रुचि, दूसरे सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता से भी इसका आकलन किया जाएगा. श्रेष्ठ सांसद की तर्ज़ पर दिए जाने वाले श्रेष्ठ विधायक पुरस्कार सालाना मिलेंगे. सबसे पहले 2023 के लिए पुरस्कार 2024 में मिलेंगे.
यूपी विधानसभा ने दर्ज़ की ये उपलब्धियां
विधानसभा में हंगामा हर सत्र में चर्चा में विषय रहता है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कई पहल की हैं. जहां स्मार्ट विधानसभा बनाने के लिए इसे पेपरलेस (paperless) करने की पहल की गई है, वहीं महिलाओं के लिए ख़ास तौर पर सत्र में एक दिन निर्धारित करने का इतिहास बनाने वाली पहली विधानसभा भी यूपी विधानसभा बनी है.
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