UP News: लखनऊ के मोहनलालगंज (Mohanlalganj) में जमीन को लेकर फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां मोहनलालगंज तहसील के कर्मचारी की मिलीभगत से किसानों की जमीन हड़प ली गई. आरोप है कि इसके पीछे पूरा एक गिरोह काम करता था, जिसका पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है.
जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि मामले की शिकायत करने वाले रेवेन्यू इंस्पेक्टर हरेंद्र कुमार की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. इस मामले में एसडीएम मोहनलालगंज ने डीएम को पत्र लिखकर विभागीय कार्रवाई की मांग की है.
मोहनलालगंज पुलिस तहसील के कई कर्मचारियों की संलिप्तता की जांच कर रही है, क्योंकि बीते 25 अगस्त को किसानों ने तहसील दिवस पर लखनऊ के जिलाधिकारी से मिलकर मामले की शिकायत कर निष्पक्ष जांच की बात की थी. इसमें 27 करोड़ की जमीन का फर्जीवाड़ा सामने आया था.
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मोहनलालगंज एसएचओ आलोक राय ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा धोखाधड़ी, दस्तावेजों में गड़बड़ी कर फायदा लेने वाले 7 शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है. राजस्व निरीक्षक हरेंद्र सिंह ने सूचना दी थी लाख रुपये की रिश्वत देकर फ्रॉड किया गया है, जिसमें ग्राम धौरहरा रियल टाइम खतौनी पर अंकित खातेदार, भटवारा निवासी प्रेमवती और अन्य के स्थान पर राम आधार का नाम फर्जी तरीके से राजस्व अभिलेखों में बिना किसी निर्देश के दर्ज किया गया.
राम आधार ने खतौनी में नाम दर्ज कराने के लिए एक लाख रुपये रिश्वत दी थी. इसके बाद उस जमीन को बेचने के लिए मास्टरमाइंड रामसुचित उर्फ राजन के नाम विक्रय डीड तैयार कराई गई. इस पूरे खेल में राम आधार, रामसुचित यादव और खतौनी से जुड़े डाटा एंट्री ऑपरेटर हेरंब शुक्ला की भूमिका उजागर हुई.
इसी तरह ग्राम गौरियाकला में बृज किशोर का नाम रियल खतौनी से हटा दिया गया था. इस मामले में मो. तब्लोक, गुफरान अहमद, खुर्शीद अहमद और हसीब की संलिप्तता मिली. इसके चलते केस दर्ज किया गया है और पुलिस ने सभी आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है.