scorecardresearch
 

प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद रोज श्रीराम जन्मभूमि थाने में आता है ये बंदर, देखिए वीडियो

अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक वीडियो चर्चा में है. इसकी खूब चर्चा हो रही है. यह वीडियो है प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद रोज अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि थाने में आने वाले एक बंदर का. वो रोज श्रीराम जन्मभूमि थाने में आता है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर इसी थाना क्षेत्र में पड़ता है.

Advertisement
X
प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद रोज श्रीराम जन्मभूमि थाने में आता है बंदर.
प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद रोज श्रीराम जन्मभूमि थाने में आता है बंदर.

अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक वीडियो चर्चा में है. इसकी खूब चर्चा हो रही है. यह वीडियो है प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद रोज अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि थाने में आने वाले एक बंदर का. वो रोज श्रीराम जन्मभूमि थाने में आता है. थाना प्रभारी के पास काफी देर तक बैठने के बाद चला जाता है. इस बारे में थाना प्रभारी का कहना है कि यह भगवान की महिमा है. हनुमान जी ही अयोध्या की रक्षा कर रहे हैं.

Advertisement

प्रभारी देवेंद्र पांडे ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से एक बंदर रोज उनके पास आता है. घंटों उनके साथ रहने के बाद वापस चला जाता है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर इसी थाना क्षेत्र में पड़ता है. उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इसी थाने के ऊपर है. अयोध्या के राजा तो हनुमान जी हैं. वही सबकी रक्षा कर रहे हैं. मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद भी एक बंदर वहां आया था. राम लला के पैरों के पास बैठकर उन्हें निहारने के बाद चला गया था.

यह भी पढ़ें: Arun Yogiraj Exclusive: 'रामलला की मुस्कान, आंखें और वो बंदर...', अरुण योगीराज ने बताई पत्थर को तराशकर भगवान राम की प्रतिमा बनाने की कहानी

अब बात करें अयोध्या की सुरक्षा की तो हनुमानगढ़ी में कुकर बम की जानकारी उस समय हुई थी, जब एक बंदर उसे लेकर भागा था. इसी तरह अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर झोले में रखे गए बम का तार एक बंदर ने काट दिया था. यही नहीं 2005 में जब आतंकियों ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई मंदिर पर हमला किया था, एक आतंकी हैंड ग्रेनेड का पिन खींच रहा था और गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी. पिन उसकी उंगलियों में दबा रह गया था. 

Advertisement

देखिए वीडियो...

यही नहीं, एक ग्रेनेड तो मंदिर के तिरपाल पर गिरा था लेकिन फटा ही नहीं था. मान्यता है कि लंका विजय के बाद हनुमान जी श्रीराम के साथ रहकर अयोध्या की रक्षा में तैनात रहे. जब वो गुप्तार घाट में सरयू में विलीन होने के लिए गए तो उन्होंने अयोध्या की रक्षा और राज्य दोनों की जिम्मेदारी सौंप दी. इसीलिए हनुमान जी को अयोध्या का कोतवाल और राजा दोनों कहा जाता है.

Live TV

Advertisement
Advertisement