बांग्लादेश (Bangladesh) में सरकार का तख्तापलट हो गया. कई जगह अराजकता का माहौल है. कई जगहों पर हिंदुओं के उत्पीड़न की भी खबरें आ रही हैं. भारत के स्टूडेंट्स वहां पढ़ाई कर रहे हैं. मुरादाबाद की आंचल सैनी भी बांग्लादेश के गाजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा है. इंडियन एंबेसी की मदद से आंचल बांग्लादेश से लौट आई हैं. वे एमबीबीएस सेकंड ईयर की छात्रा हैं.
आंचल ने आजतक से बात करते हुए बांग्लादेश में अराजकता के माहौल के बारे में बात करते हुए कहा कि करीब 7 दिन तक माता-पिता से बातचीत नहीं हो पाई थी. कॉलेज से बाहर न जाने के सख्त आदेश थे. आंचल ने कहा कि भारत सरकार की मदद से छात्र छात्राओं के साथ अपने देश लौट पाई हूं.
आंचल सैनी ने कहा कि मैं बांग्लादेश में एमबीबीएस कर रही हूं. सेकंड ईयर में हूं. वहां पर प्रोटेस्ट चल रहा था, क्योंकि वहां जो सीट थी, सरकार ने फ्रीडम फाइटर के लिए कर दी थी और कुछ पर्सेंट आम जनता के लिए थी. इसी की वजह से स्टूडेंट्स नाराज थे. स्टूडेंट्स ने प्रोटेस्ट शुरू कर दिया. वहां पर स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई थी. कॉलेज-स्कूल सभी बंद हो गए थे. हमारा एग्जाम था, वह भी पोस्टपोन हो गया. हमें कहीं भी बाहर नहीं जाने दिया गया. अपने पेरेंट्स से कांटेक्ट नहीं कर पा रहे थे.
यह भी पढ़ें: एक हजार बांग्लादेशी नागरिकों ने की भारत में घुसने की कोशिश, BSF ने जलपाईगुड़ी बॉर्डर पर रोका
आंचल ने कहा कि सीनियर्स ने गवर्नमेंट को अप्रोच किया कि हमें इंडिया वापस भेज दीजिए, लेकिन टीचर मान नहीं रहे थे, वे कह रहे थे कि चार-पांच दिन में सब ठीक हो जाएगा, लेकिन कुछ भी ठीक नहीं हो रहा था. बाहर की स्थिति बहुत खराब हो गई थी. हमने उन लोगों को फोर्स किया, फिर इंडियन एंबेसी ने बांग्लादेश की गवर्नमेंट को फोर्स किया कि इंडियन बच्चों को वापस भेज दीजिए. इसके बाद 22 जुलाई को प्रिंसिपल हमारे हॉस्टल आए और उन्होंने बताया कि आप इंडिया वापस जा सकते हैं. इसके बाद हम वहां से निकल गए थे और इंडियन एंबेसी की वजह से ही हम वापस आ पाए हैं.
बस से कोलकाता, फिर ट्रेन से पहुंची मुरादाबाद
छात्र आंचल सैनी ने बताया कि बस के जरिए सभी भारतीय छात्र-छात्राओं के साथ कोलकाता तक आई. इसके बाद ट्रेन के जरिए मुरादाबाद पहुंची हूं. आंचल ने कहा कि इंडियन एंबेंसी और भारत सरकार की मदद से ही हम भारत वापस आ पाए हैं. घर आकर बहुत अच्छा फील हुआ, क्योंकि वहां पर कंडीशन बहुत ज्यादा खराब थी. हम वहां से निकलकर आए, बहुत अच्छा लग रहा है.
आंचल सैनी की मां और पिता भी खुश हैं कि बेटी वापस आ गई है. उनका कहना है कि उनकी बेटी बांग्लादेश में पढ़ाई कर रही थी, वहां पर हिंसा शुरू हो गई. लगभग एक हफ्ता हमारी बच्ची से कोई संपर्क नहीं हो पाया था. ऐसा लग रहा था कि किस हाल में होगी. जिसके माध्यम से हमने बांग्लादेश में एडमिशन कराया था, वो कोलकाता में रहते हैं. उनसे बातचीत की, लेकिन संतुष्टि नहीं मिली. इसके बाद भारत सरकार की मदद से हमारी बच्ची वापस आ पाई है.