उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की आज गाजीपुर कोर्ट में पेशी होनी है. 22 साल पुराने उसरी कांड में गाजीपुर कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को फिजिकली पेश करने के निर्देश दिए थे. गाजीपुर कोर्ट में पेशी के लिए मुख्तार अंसारी को आज बांदा जेल से गाजीपुर ले जाया जाना है लेकिन अब तक उसे जेल से बाहर नहीं लाया गया है.
बांदा जेल के सूत्रों के मुताबिक मुख्तार अंसारी को गाजीपुर कोर्ट में पेश करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. इसके बावजूद जिला प्रशासन ने अंतिम समय में मुख्तार को पेशी के लिए नहीं भेजने का फैसला लिया. कोर्ट के सख्त निर्देश के बावजूद पिछली दो तारीख पर मुख्तार अंसारी को पेश नहीं किया गया था.
बांदा प्रशासन ने इस बार भी मुख्तार अंसारी को पेशी पर नहीं भेजने का फैसला लिया. इसे लेकर कोई भी अधिकारी कुछ भी नहीं बता पा रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्तार अंसारी को सुरक्षा कारणों से पेशी पर नहीं भेजा गया. इससे पहले मुख्तार अंसारी के वकील ने भी सुरक्षा और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कोर्ट में खतरे की आशंका जताई थी. अटकलें लगाई जा रही हैं कि हो सकता है, इसी वजह से प्रशासन ने मुख्तार को पेशी पर नहीं भेजने का फैसला लिया हो.
गौरतलब है कि बांदा से गाजीपुर की दूरी करीब 425 किलोमीटर है और जाने में लगभग 10 घंटे का समय लगता है. ऐसे में मुख्तार अंसारी को अगर पेशी पर ले भी जाया जाता है तो समय पर कोर्ट पहुंचना मुश्किल होगा. उसरी चट्टी केस में मुख्तार अंसारी ही खुद वादी मुकदमा है. साल 2001 में मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला हुआ था. हमले का आरोप बृजेश सिंह पर है. कोर्ट ने इसी मामले में गवाही का आदेश जारी किया था.
क्या है पूरा मामला
साल 2001 में मुख्तार अंसारी के काफिले पर उसरी चट्टी के करीब ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना हुई थी. इस हमले में मुख्तार अंसारी के गनर और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. कुछ लोग घायल भी हुए थे. इस हमले को लेकर मुख्तार अंसारी ने अपने कट्टर दुश्मन बृजेश सिंह को मुख्य आरोपी बनाते हुए केस दर्ज कराया था. गाजीपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले में दोनों को तलब करने का आदेश दिया है.
कोर्ट के आदेश के बाद ये चर्चा थी कि दो पुराने दुश्मन कई साल बाद एक-दूसरे के सामने होंगे. बृजेश सिंह इस मामले में 10 जनवरी को पेश हो चुके हैं और अब मुख्तार अंसारी की गवाही बची है. कोर्ट ने कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार अंसारी को पेश करने का आदेश दिया था. 10 जनवरी को मुख्तार की पेशी नहीं हुई तो कयास लगाए जा रहे थे कि मौसम की वजह से नहीं ले जाया गया होगा लेकिन 17 जनवरी को मौसम साफ है फिर भी उसे जेल से बाहर नहीं लाया गया है.
देर रात हुई थी सुरक्षा पर मीटिंग
सूत्रों के मुताबिक पुलिस प्रशासन ने देर रात दूसरे जिलों के पुलिस बल के साथ सुरक्षा को लेकर मीटिंग की. मीटिंग के बाद नतीजा ये निकला कि मुख्तार को गाजीपुर नहीं भेजने का निर्णय लिया गया. बांदा के पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने इसकी पुष्टि की है कि मुख्तार अंसारी को पेशी पर गाजीपुर नहीं भेजा जा रहा है. हालांकि, उन्होंने इसके पीछे कोई कारण नहीं बताया.