मुख्तार अंसारी के बेटे उमर ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी देकर मांग की है कि उसके पिता को बांदा जेल से किसी दूसरे राज्य के कारागार में ट्रांसफर कर दिया जाए. उमर अंसारी ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके पिता को यूपी की जेलों में जान का खतरा है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि एक बार प्रधानमंत्री को भी उनके खुद के सुरक्षा गार्ड गोली मार चुके हैं, फिर सुरक्षा की क्या ही गारंटी है.
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के याचिकाकर्ता बेटे उमर को अपनी अर्जी में सुधार कर इसे दोबारा दाखिल करने को कहा है. शीर्ष अदालत उमर की अर्जी पर 15 दिसंबर को सुनवाई करेगी. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में उमर का पक्ष रखा. उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश की जेलों में एक समय में बंद रहे गंभीर अपराधों के 8 आरोपी यूपी टास्क फोर्स के हाथों मारे जा चुके हैं. अब मुख्तार अंसारी और उसके भाई सहित 3 आरोपी ही बचे हैं. हम चाहते हैं कि अदालत उन्हें समुचित सुरक्षा मुहैया कराए'.
'मुख्तार अंसारी बांदा जेल में खतरे की जद में हैं'
कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में कहा कि मुख्तार को मूल रूप से पंजाब में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया था. फिर उनको उत्तर प्रदेश लाया गया और बांदा जेल में बंद कर दिया गया. वहां वह खतरे की जद में हैं. सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हमारी इस अर्जी के दाखिल होने के बाद भी न्यायिक हिरासत में एक कैदी की हत्या हो गई. इस पर जस्टिस हृषिकेश रॉय ने कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर पहले ही आदेश जारी कर दिए गए हैं.
'प्रधानमंत्री भी नहीं कर सकी थीं अपनी ही सुरक्षा'
उन्होंने इस मामले में टिप्पणी की, 'हमें मालूम है कि किसी को भी पूर्ण सुरक्षा नहीं दी जा सकती. प्रधानमंत्री भी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकीं. उनके निजी सुरक्षा कर्मियों ने ही उनकी हत्या कर दी थी'. कपिल सिब्बल ने कहा कि मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से निकालकर किसी दूसरे राज्य में भेजा जाए. कोर्ट तय कर दे कि कहां भेजा जाए. उत्तर प्रदेश सरकार की पैरवी करने वाले एएसजी ने कहा कि अनुमान और आशंका के आधार पर दाखिल इस याचिका पर सुनवाई ही नहीं होनी चाहिए.
उमर अंसारी की अर्जी पर 15 दिसंबर को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने भी एएसजी से सहमति जताते हुए कहा कि हां इस याचिका में लिखित रूप से कुछ नहीं है. सिर्फ कोर्ट में मौखिक तौर पर ही राज्य से बाहर भेजे जाने की दलील दी गई है. फिर कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता के पिता जेल में पीड़ित हैं. लिहाजा उसने दूसरी जेल में शिफ्ट करने की गुहार लगाई है. इस गंभीर मामले पर इसी महीने कुछ करने की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने उमर अंसारी को अपनी याचिका में संशोधन कर दोबारा दाखिल करने को कहा और शुक्रवार को सुनवाई की तारीख तय कर दी.