माफिया मुख्तार अंसारी मामले में बांदा जेल प्रशासन का बयान सामने आया है. इस बयान में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने के बारे में जानकारी दी गई है. जेल प्रशासन के मुताबिक, मुख्तार रात में शौचालय में गिर गया था. उसका इलाज जेल के डॉक्टरों द्वारा किया गया था. फिर बाद में उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. सूत्रों की मानें तो मुख्तार का इलाज मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में चल रहा है.
मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी मुख्तार अंसारी की हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, "मुख्तार अंसारी (उम्र-62 वर्ष) को 26 मार्च की सुबह आरडीएमसी बांदा में पेट में दर्द, 4-5 दिनों तक मल त्यागने में असमर्थता और पेट फूलने की शिकायत के साथ भर्ती कराया गया. मरीज को भर्ती करने के बाद इलाज शुरू कर दिया गया है. मरीज की हालत फिलहाल स्थिर है."
जेल प्रशासन का बयान
बांदा जेल प्रशासन ने कहा- "बंदी मुख्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने तथा रात्रि में शौचालय में गिर जाने के कारण तत्काल जेल डॉक्टर द्वारा उपचार दिया गया तथा जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई, जिसके द्वारा बंदी को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. रात्रि में ही बंदी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा भर्ती करा दिया गया, जहां बंदी का उपचार हो रहा है."
बताया जा रहा है कि मुख्तार बीते तीन दिनों से यूरिनल इंफेक्शन से परेशान था. उसे रात में एक बजे मुख्तार अंसारी को जिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया था. डॉक्टर्स ने शुरुआती जांच के बाद सर्जरी रिकमेंड की थी, जिसके बाद मुख्तार को सर्जिकल इंटरवेंशन के लिए आईसीयू में शिफ्ट किया गया है.
मुख्तार ने जेल में स्लो पॉइजन देने का लगाया था आरोप
इससे पहले मुख्तार अंसारी ने आरोप लगाया था कि उसे जेल में स्लो पॉइजन दिया गया है. 21 मार्च को जब बाराबंकी की MP-MLA कोर्ट में चर्चित एम्बुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी की पेशी थी तो उसके वकील ने कोर्ट में एप्लीकेशन दिया था कि 19 मार्च की रात में मुझे खाने में विषाक्त पदार्थ दिया गया है, जिसकी वजह से मेरी तबीयत खराब हो गई है. ऐसा लग रहा है कि मेरा दम निकल जाएगा और बहुत घबराहट हो रही है. कृपया मेरा सही से डाक्टरों की टीम बनाकर इलाज करवा दें. 40 दिन पहले भी मुझे विषाक्त प्रदार्थ मिलाकर दिया गया था. इसके बाद कोर्ट ने मुख्तार के चेकअप के लिए दो डॉक्टरों के पैनल की टीम जेल पहुंची थी
मुख्तार के भाई अफजाल ने मिलाया सीएम योगी को फोन
इस मामले में सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि उन्होंने बांदा रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री कार्यालय में सूचना के लिए फोन किया था लेकिन मुख्यमंत्री योगी के गोरखपुर में होने की वजह से उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
अफजाल अंसारी ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में फोन करने का मकसद यह गुजारिश करना था कि बांदा मेडिकल कॉलेज में अगर उपचार की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो तो मुख्तार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल या किसी अन्य बड़े चिकित्सालय में भर्ती कराया जाए और अगर सरकार इलाज का खर्च नहीं उठा सकती तो परिजन यह खर्च वहन कर लेंगे.
मालूम हो कि मऊ से कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को विभिन्न मामलों में सजा सुनाई गई है और वह इस वक्त बांदा की जेल में निरुद्ध है. वहीं, मुख्तार के भाई अफजाल सपा के टिकट पर गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी हैं. अफजाल अभी बसपा के टिकट पर सांसद हैं.