यूपी के बाराबंकी में माफिया मुख्तार अंसारी की बांदा जेल से फर्जी एंबुलेंस मामले में वर्चुअल पेशी हुई. पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से अपनी हिफाजत के लिए जेल में सुरक्षा की गुहार लगाई है. मुख्तार की तरफ से दी गई अर्जी में कहा गया है कि डॉन बृजेश सिंह और माफिया सुंदर भाटी गैंग का खास बंदीरक्षक अजीत गौतम को सोनभद्र से बांदा जेल मेरी हत्या के लिए भेजा गया है. ताकि प्रार्थी बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ गवाही न दी जा सके.
मुख्तार अंसारी के इस प्रार्थना पत्र को लेकर एमपी–एमएलए कोर्ट 19 के जज विपिन यादव ने 27 सितंबर की तारीख लगा दी है. क्योंकि आज बार काउंसिल की तरफ से बायकॉट था. इसलिए वकीलों के हड़ताल के चलते कोर्ट में गवाही नहीं हो सकी. मुकदमे में अन्य अभियुक्तों की भी हाजिरी नहीं हुई.
ये लोग करवाना चाहते हैं मेरी हत्या: मुख्तार
बता दें कि मुख्तार अंसारी की मंगलवार (12 सितंबर) को सरकार बनाम अल्का राय के चर्चित फर्जी एंबुलेंस मामले में पेशी हुई. इस दौरान मुख्तार ने कोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाते हुए एक अर्जी दी. इसमें लिखा था कि यूपी एसटीएफ, पुलिस, जेल के कुछ लोगों के साथ डॉन बृजेश सिंह, सुंदर भाटी व त्रिभुवन सिंह उसकी हत्या करवाना चाहते हैं.
मुख्तार के मुताबिक, उपरोक्त लोग चाहते हैं कि वो डॉन बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ गवाही न दे सके. इसलिए मेरी हत्या की प्लानिंग कर रहे हैं. इन लोगो ने मिलकर सोनभद्र जेल से बंदी रक्षक अजीत गौतम को बांदा जेल में स्थानांतरित करवाया है. जो मेरी कभी भी हत्या कर सकता है.
मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में दी गई अर्जी में डॉन बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के साथ अपनी दुश्मनी और मुकदमे का भी जिक्र किया है. उसने लिखा कि बृजेश सिंह मुकदमे के गवाहों की हत्या करवाना चाहता है. इसलिए ये साजिश रची जा रही है. मुख्तार की माने तो उसे ये सब जानकारी अपने भाई व पूर्व सांसद अफजाल अंसारी से बात करने पर मिली है.
वहीं, मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि सरकार बनाम अल्का राय के एंबुलेंस प्रकरण में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की पेशी हुई थी. जिसमे मुख्तार की तरफ से एक प्रार्थना पत्र जेल में सुरक्षा के लिए दिया गया है. क्योंकि राज्य सरकार मुख्तार की सुरक्षा में लापरवाही कर रही है. उनकी जान को खतरा है. कोर्ट में आज बार काउंसिल की तरफ से बायकॉट था, जिसके चलते अन्य गवाहों की गवाही नहीं हो सकी है. मुकदमे की अगली तारीख 27 सितंबर लगी है.
मुख्तार को सिपाही से हत्या का डर
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने इससे पहले भी कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी. मुख्तार अंसारी ने सोनभद्र से ट्रांसफर होकर बांदा जेल में आए एक सिपाही से खुद को खतरा बताया था. मुख्तार ने आरोप लगाया था कि जेल प्रशासन उससे मिलकर उसकी हत्या करवा सकता है. मुख्तार की लिखित शिकायत पर 13 और 20 सितंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है.