पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल और मुख्तार के भाई गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को चार साल कैद की सजा सुनाई है. मुख्तार अंसारी को सजा सुनाए जाने के बाद आजतक से बात करते हुए पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी ने सरकार की तारीफ की और मुख्तार के पिस्टल तान देने वाली घटना भी सुनाई.
पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी ने आजतक से बात करते हुए वह घटना भी बताई जब मुख्तार ने उन पर पिस्तौल तान दी थी. शिव कुमार अवस्थी ने कहा कि कोई भी माफिया पहले उलझना नहीं चाहता. जब कोई पेंच फंस जाता है तब वह उलझ जाता है. उन्होंने कहा कि एक कहावत है कि सांप हर जगह टेढ़ा चलता है लेकिन जब बिल में जाता है, तब वह सीधा चलता है.
पूर्व जेलर ने वह घटना याद करते हुए कहा कि साल 2003 में मुख्तार अंसारी लखनऊ जेल में बंद था और मैं जेलर था. उन्होंने कहा कि तब मुख्तार अंसारी निर्दलीय विधायक था. शिव कुमार अवस्थी ने कहा कि लखनऊ जेल में मुख्तार अंसारी ने एक साजिश के तहत पिस्टल अंदर मंगवाई जिसे लेकर जब उसका आदमी अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, मैंने तलाशी लेनी शुरू कर दी.
उन्होंने कहा कि जब मैंने उस आदमी की तलाशी लेनी शुरू की, मुख्तार ने हस्तक्षेप किया. पूर्व जेलर के मुताबिक तब मुख्तार अंसारी ने कहा कि उसकी तलाशी न ली जाए. इसके जवाब में मैंने कहा कि तलाशी जरूर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि मैंने मुख्तार से बोला कि बिना तलाशी लिए मैं इसे जेल के अंदर नहीं जाने दूंगा.
मुख्तार ने अपने आदमियों को रोकने की दी थी चुनौती
पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी बताते हैं कि मुख्तार अंसारी ने इस पर कहा कि ये मेरा आदमी है. आप इसकी तलाशी नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि मैंने मुख्तार से कहा कि तलाशी लूंगा. पूर्व जेलर ने बताया कि इससे मुख्तार असंतुष्ट हो गया और उसने चुनौती देते हुए कहा कि मेरे दो आदमी अंदर जा रहे हैं, उनको रोक कर दिखाइए.
उन्होंने कहा कि इसके जवाब में मैंने उससे कहा कि अगर इनमें हिम्मत हो तो बढ़कर दिखा दें. बस वहीं टकराव हो गया. पूर्व जेलर अवस्थी के मुताबिक बात इतनी बढ़ गई कि वहीं मुख्तार ने अपने गुर्गों से पिस्टल लेकर मुझ पर तान दी. उन्होंने कहा कि तब मुख्तार अंसारी ने ये धमकी भी दी थी कि बाहर निकलो, तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे.
बढ़ गया था मुख्तार का बीपी, नहीं खाया था खाना
पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्तार अंसारी ने जब मुझे धमकी दी थी, तब उसका बीपी काफी बढ़ गया था. मेरा बीपी भी बढ़ गया था. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुख्तार को पकड़े थे तो कुछ मुझे. उसकी तबीयत भी बिगड़ गई थी और डॉक्टर को बुलाना पड़ गया था. पूर्व जेलर के मुताबिक मुख्तार अंसारी ने उस दिन खाना भी नहीं खाया था.
उन्होंने बताया कि मुख्तार अंसारी ने मुझे जब धमकी दी थी, मैंने लखनऊ के ही आलमबाग थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई थी. पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी ने लखनऊ जेल के जेलर रहे आरके तिवारी और अशोक गौतम की हत्या का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आरके तिवारी की गवर्नर हाउस के पास हत्या हो गई थी. अशोक गौतम का भी मर्डर हुआ और इसके पीछे साजिश मुख्तार की थी.
मुख्तार का गाजीपुर जेल में था बहुत प्रभाव
शिव कुमार अवस्थी बताते हैं कि इन घटनाओं के बाद मुख्तार और उसके गुर्गों के हौसले बुलंद थे. उन्होंने कहा कि मुख्तार के पिस्टल तानने की घटना साल 2003 की है और इसके सात साल बाद मेरा ट्रांसफर गाजीपुर जेल में कर दिया गया. शिव कुमार अवस्थी कहते हैं कि गाजीपुर जेल मुख्तार अंसारी का गढ़ था और मुझे शेर की मांद में भेज दिया गया था.
उन्होंने कहा कि गाजीपुर जेल में आधा स्टाफ मुख्तार का ही था. शिव कुमार अवस्थी कहते हैं कि जेल में जो बंदी बंद थे, उनमें से 99 फीसदी इन्हीं के जानने वाले थे. जेल के भीतर मुख्तार अंसारी का बहुत प्रभाव था. उन्होंने बताया कि मुख्तार अंसारी के लिए गाजीपुर जेल में अलग से बैडमिंटन कोर्ट के साथ ही एक मंच भी बना था. बैरक नंबर 10 और 11 तो इनके लिए ही खास तौर पर बनाई गई थी जहां मुख्तार के बहनोई भी रहते थे.
ये चाहते हैं अपने साम्राज्य का विस्तार
पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी ने कहा कि मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे लोग अपने साम्राज्य का विस्तार चाहते हैं और ये जहां रहते हैं, वहां जनता इनके प्रभाव में रहती है. उन्होंने कहा कि ये लोग लड़कियों की शादी करवाते थे. इनकी छवि रॉबिनहुड की तरह होती है. पूर्व जेलर ने कहा कि ये लोग साम, दाम, दंड, भेद.. सभी नीतियां अपनाते हैं जिससे ये काम फंसने पर इनका इस्तेमाल कर सकें.
उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि जब मैं जेल विभाग की नौकरी करने गया था, तब भी मुझे पता था कि यहां साधु-संन्यासी और भक्त नहीं मिलने वाले. शिवकुमार अवस्थी ने कहा कि मैं इसके लिए शुरू से ही तैयार था. मुख्तार को सजा सुनाए जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार बदलने और उसकी नीति से बहुत बदलाव आता है.
आज निडर होकर गवाही दे रहे गवाह
पूर्व जेलर ने कहा कि आज की सरकार की नीयत साफ दिखाई पड़ रही है जिसके कारण अच्छे-अच्छे दबंग और माफिया भागे फिर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यही मुख्तार अंसारी पंजाब से उत्तर प्रदेश नहीं आना चाहता था क्योंकि यहां की परिस्थितियों से वह परिचित था. पूर्व जेलर शिव कुमार अवस्थी ने कहा कि आज अपराधी गले में तख्ती लटकाए घूम रहे हैं और ये सब सरकार की नीयत से ही हो पा रहा है. आज गवाही देने के लिए गवाह भी निडर होकर जा रहे हैं, भूमाफिया उसी तरह छटपटा रहे हैं जैसे पिंजड़े में फंसा चूहा.