हार्ट अटैक आने की वजह से बांदा जेल में बंद माफिया-डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हो चुकी है लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उसका नाम ही लोगों के दिलों में खौफ भर देता था. यूपी में आतंक का पर्याय बन चुके मुख्तार अंसारी को किसी से डर नहीं लगता था लेकिन जब उसके दाहिने हाथ मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या हुई तो वो बुरी तरह टूट गया था.
उस वक्त पंजाब की जेल में बंद मुख्तार अंसारी को जब पुलिसकर्मियों ने मुन्ना बजरंगी की हत्या की जानकारी दी तो उसे यकीन नहीं हुआ. जब मुन्ना बजरंगी के शव की वायरल तस्वीर उसे दिखाई गई तो पहली बार मुख्तार अंसारी के चेहरे पर पुलिसकर्मियों को डर नजर आया था और वो घबरा गया था.
दरअसल मुख्तार अंसारी के सभी काले कामों को उसका दाहिना हाथ यानी की मुन्ना बजरंगी ही संभालता था. मुन्ना को मुख्तार अंसारी के पूरे नेटवर्क की जानकारी थी. यही वजह है कि यूपी के माफियाओं और बदमाशों में ये बात फैल गई थी कि अब मुख्तार गिरोह और उसके विरोधियों के बीच गैंगवार तय है.
दरअसल अब से करीब 6 साल पहले गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में ही हत्या कर दी गई थी. उसकी हत्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुनील राठी ने कर दी थी. इसमें कई लोगों के शामिल होने का आरोप लगता रहा लेकिन ये आखिर तक पहेली बनकर ही रह गया कि मुन्ना बजरंगी को मारने के लिए सुनील राठी को किसने ऑर्डर दिया था.
कई रिपोर्टस में दावा किया जाता है कि मुन्ना बजरंगी के काफी करीबी और उसके गहरे दोस्त गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या ने मुख्तार अंसारी को अंदर से हिला दिया था और उसे अपनी जान की चिंता सताने लगी थी. पश्चिमी यूपी के चर्चित गैंगस्टर जीवा की बीते साल राजधानी लखनऊ में उस वक्त हत्या कर दी गई थी जब वो पेशी के लिए कोर्ट लाया गया था. उसे गोलियों से भून दिया गया था. बीजेपी नेता ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या मामले में जीवा आरोपी था. हमलावर वकील की ड्रेस में आए थे और उसे गोली मार दी थी.
जीवा की मौत के बाद मुख्तार अंसारी बेहद डरा-सहमा रहने लगा था. इसके बाद उसे कड़ी सुरक्षा के बीच पंजाब से यूपी की जेल लाया गया था. बांदा जेल में बंद रहने के दौरान भी मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में अपनी जान को खतरा बताया था और कहा था कि उसे जेल में धीमा जहर दिया जा रहा है.