यूपी के बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी इन दिनों बेचैन नजर आ रहा है. लखनऊ कोर्ट में उसके खास करीबी कहे जाने वाले संजीव जीवा की हत्या की खबर सुनकर उसके होश उड़ गए. उसके चेहरे का एक्सप्रेशन बता रहा था कि उसको कितना तनाव है. उसके चेहरे का रंग बदला बदला सा नजर आ रहा था.
शूटर संजीव जीवा की मौत की खबर मुख्तार अंसारी को उसी दिन मिल गयी थी, क्योंकि लखनऊ कोर्ट में उसकी पैरवी करने वाले अधिवक्ता उसी दिन उससे जेल में मिलने पहुंचे थे. गौरतलब है कि अवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद की सजा होने के बाद मुख्तार अंसारी तनाव में था. सजा सुनाए जाने के ठीक बाद उसने माथा पकड़ लिया था.
मुख्तार के बैरक में अब टीवी नहीं
ठीक उसी प्रकार उसके करीबी कहे जाने वाले संजीव जीवा के मर्डर की खबर सुनते ही वो तनाव में आ गया. उसके चेहरे का रंग रूप बदल गया था. कोर्ट के आदेश के बाद उसके तन्हाई बैरक में टीवी लगा था, लेकिन डीएम-एसपी ने निरीक्षण के बाद उसके बॉक्स को हटा दिया था. इन दिनों वो बगैर टीवी के दिन काट रहा है.
मुख्तार के राइट और लेफ्ट हैंड मारे जा चुके
मुख्तार अंसारी गैंग के सबसे करीबी तीन लोगों की हत्याएं हो चुकी. उसके राइट और लेफ्ट हैंड दोनो मारे जा चुके हैं. पहले मुन्ना बजरंगी, फिर मेराज और अब संजीव जीवा की हत्या हो चुकी है. जेल सूत्रों के मुताबिक, मुख्तार किसी से बात नहीं करता है, कभी कभार सुरक्षा में तैनात जवानों से बोल लेता है. उसका न तो वजन बढ़ा है, न घटा है, बैलेंस है.
मुख्तार की कड़ी सुरक्षा
जेल में तन्हाई बैरक की सुरक्षा की बात करें तो जेल प्रशासन के मूताबिक, पूरे जेल में परिंदा भी पर नहीं मार सकता. चारों तरफ आधुनिक हथियारों से लैश जवान सुरक्षा में तैनात हैं. अकेले मुख्तार की सुरक्षा में बॉडी कैम से लैश करीब 12 जवान अलग-अलग शिफ्ट में तैनात रहते हैं. CCTV के माध्यम से हर आने जाने वाले पर निगरानी रखी जा रही है.
चेहरे का हाव भाव बदल ही जाता है...
जेलर केपी बुंदेला ने बताया कि इस बारे में कुछ कहना तो मुश्किल है, आप खुद समझ सकते हैं, बड़ा हाई टेक मामला है. उन्होंने इतना जरूर कहा कि जब कोई बड़ी बात हो जाती है, तो स्वाभाविक है चेहरे का हाव भाव बदल ही जाता है, उसी दिन उनके लखनऊ कोर्ट में पैरोकारी करने वाले वकील भी आये थे, हो सकता है उन्होंने जानकारी दी हो.