scorecardresearch
 

'गम तो बहुत है, लेकिन मैंने आंसू नहीं बहाए...', ईद पर गाजीपुर के 'फाटक' पर आई भीड़ से बोला मुख्तार का बेटा उमर अंसारी, VIDEO

गाजीपुर में मुख्तार के घर को 'फाटक' के नाम से जाना जाता है. यहां ईद पर भीड़ तो जुटी पर वो खुशियां मनाने के लिए नहीं बल्कि गम में शरीक होने के लिए. 'फाटक' पर आए हुए लोगों को संबोधित करते हुए मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी ने कहा कि आप लोग समझ सकते हैं कि हमारे ऊपर किस तरह की विपत्ति पड़ी हुई है. 

Advertisement
X
उमर अंसारी और मुख्तार अंसारी
उमर अंसारी और मुख्तार अंसारी

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर के 'फाटक' में इस बार ईद पर सन्नाटा छाया रहा. गाजीपुर में मुख्तार के घर को 'फाटक' के नाम से जाना जाता है. यहां ईद पर भीड़ तो जुटी पर वो खुशियां मनाने के लिए नहीं बल्कि गम में शरीक होने के लिए. 'फाटक' पर आए हुए लोगों को संबोधित करते हुए मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी ने कहा कि आप लोग समझ सकते हैं कि हमारे ऊपर किस तरह की विपत्ति पड़ी हुई है. 

Advertisement

उमर ने लोगों से कहा कि 'आप लोग हमारे जख्म पर मरहम लगाने के लिए आए हुए हैं. इसके लिए मैं आप सभी का एहसानमंद हूं. आप लोग हमारे खुशी और गम में शामिल रहे हैं. आप सभी के दिलों में मुख्तार अंसारी साहब धड़क रहे हैं.'

उमर अंसारी ने आगे कहा कि, 'मैं यकीन दिलाना चाहता हूं कि उनके (मुख्तार के) बेटे होने के हैसियत से आपके मान-सम्मान की हिफाजत के लिए मुझे भी अगर शहीद होना पड़ेगा तो मैं पीछे नहीं हटूंगा. मेरे ऊपर इतना सब बीता लेकिन मैने आंसू नहीं बहाया. गम तो बहुत बड़ा है लेकिन मैंने मजबूती दिखाई.' 

जेल में मनी अब्बास अंसारी की ईद 

ईद के मौके पर मुख्तार अंसारी के बंगले पर मायूसी छाई रही. मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी लंबे वक्त से फरार चल रही है. जेल में बंद बड़े बेटे अब्बास अंसारी ने बुधवार को अपने पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाजत तो मिली, लेकिन घर जाने की [परमिशन नहीं मिली. 

Advertisement

मऊ सीट से विधायक अब्बास अंसारी आर्म्स एक्ट के मामले में यूपी की कासगंज जेल में बंद हैं. अब्बास अपने पिता के जनाजे में शामिल नहीं हो पाए थे. इसके बाद फातिहा पढ़ने के लिए अब्बास ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद अब्बास को गाजीपुर लाया गया था.

अब्बास अंसारी को लेकर उमर ने कहा कि जुल्म का दौर ऐसा है कि कोर्ट के ऑर्डर के बावजूद भी भाई को परिजनों से मिलने नहीं दिया. खैर, अल्लाह सब देख रहा है. हम सबकुछ कानून के दायरे में रहकर करेंगे. 

Live TV

Advertisement
Advertisement