3 गाड़ियां, 14 राउंड फायरिंग, और देसी बम मारकर पूरा इलाका धुआं-धुआं. ये फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर की कहानी नहीं है बल्कि प्रयागराज में पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या की पूरी कहानी है जो फिल्मी पटकथा की तरह रची गई थी.
जैसे फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में 'सरदार खान' नाम के किरदार को घेरकर सरेआम कार पर गोलियां बरसा कर मार दिया जाता है ठीक उसी तरह कातिलों ने उमेश पाल पर भी हमला किया था. जैसे फिल्म में फूल की तरह हमालवर देसी बम फेंकते हुए नजर आते हैं ठीक उसी तरह उमेश पाल की हत्या में भी हमलावरों ने देसी बम का इस्तेमाल किया.
जैसे फिल्मों में विलेन गवाह का पीछा करता है ठीक उसी तरह 17 साल पुराने अपहरण के मामले में सुनवाई के बाद लौट रहे उमेश पाल का पीछा बदमाशों ने कोर्ट से ही शुरू कर दिया था. वहीं, दूसरी तरफ उमेश पाल के घर के पास बदमाश इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान में सामान खरीदने के बहाने हथियारों से लैस होकर उमेश पाल का इंतजार कर रहे थे. शूटरों के गैंग का एक सदस्य झोले में देसी बम रखकर बड़े आराम से वहां खड़ा था और इन सभी को इंतजार था तो बस उमेश पाल के वहां पहुंचने का.
हत्या में तीन गाड़ियों का इस्तेमाल
उमेश पाल जैसे ही सफेद रंग की क्रेटा कार से अपने घर की गली के पास पहुंचा बदमाशों ने चारों तरफ से घेर कर उनकी गाड़ी पर फायरिंग शुरू कर दी. जब तक उमेश पाल का गनर कुछ समझ पाता तब तक बदमाशों ने गोली के साथ ही बम से भी हमला कर दिया.
उमेश पाल जब गोली लगने के बाद अपनी घर की तरफ दौड़े तो शूटरों ने उन्हें दौड़ा कर भतीजी के सामने फिर गोली मारी और अपने मकसद में कामयाब हो गए.
शूटरों ने उमेश पाल को 7 गोलियां मारी जिसमें 6 उनके शरीर के आरपार हो गई. देसी बम के इस्तेमाल से घटनास्थल धुआं-धुआं हो गया जिसके बाद कातिल वहां से फरार हो गए.
14 राउंड फायरिंग, शरीर में दागी 7 गोलियां
उमेश पाल हत्याकांड में अभी तक की जांच और घटनास्थल से मिले डिजिटल सबूतों से पता चला है कि बदमाशों ने करीब 14 राउंड फायरिंग की थी. ये फायरिंग .765 बोर और .32 बोर के असलहों से की गई थी.
बदमाशों ने वारदात को अंजाम देने के लिए 3 गाड़ियों का इस्तेमाल किया था. इसमें दो बाइक और एक सफेद रंग की क्रेटा कार थी. बदमाशों के पास हथियारों का जखीरा था. इसमें चार पिस्टल एक राइफल थी. इन्हीं से उमेश पाल और उनके गनर पर फायरिंग की गई. वहीं, एक बदमाश झोले से बम निकालकर बड़े आराम से फोड़ रहा था.
उमेश पाल को बचाने में गनर ने लगा दी जान की बाजी
प्रयागराज हत्याकांड में आजमगढ़ के रहने वाले गनर संदीप ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान की बाजी लगा दी. उमेश पाल को मारने आए बदमाशों ने ढाल बनकर खड़े गनर संदीप को भी अपनी गोली और बम से शिकार बना लिया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. नौकरी से मिलने वाली सैलरी से संदीप अपने परिवार का पालन पोषण किया करते थे. छोटे भाई को पढ़ा भी रहे थे.
हमले का नया सीसीटीवी फुटेज आया सामने
उमेश पाल पर हमले का जो नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है उसमें साफ तौर पर पता चल रहा है कि बदमाश हत्या की पूरी तैयारी के साथ आए थे और उनके पास प्लान बी भी पहले से तैयार था. वो सड़क के दूसरे किनारे पैदल भी मौजूद थे.
घटना का जो ताजा सीसीटीवी फुटेज सामने आया है उसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि एक शूटर उमेश पाल के घर के पास इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान में सामान खरीदने के बहाने 10 मिनट पहले से उसका इंतजार कर रहा था.
जैसे ही उमेश की गाड़ी गली में रुकी शूटर ने पिस्तौल निकालकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. उमेश पाल को कितनी गोलियां मारी गई थीं ये जानने के लिए डॉक्टरों को उनके शव का एक्सरे कराना पड़ा था.
अतीक अहमद के घर के पास मिली क्रेटा कार
बाद में जांच के दौरान पुलिस को सफेद रंग की क्रेटा कार अतीक अहमद के घर से सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर मिली. रिपोर्ट के मुताबिक सफेद रंग की क्रेटा कार से ही शूटर उमेश पाल का पीछा करते हुए पहुंचे थे.
बरामद क्रेटा कार के इंजन नंबर चेचिस नंबर के सहारे अब पुलिस जांच में जुटी हुई है. सूत्रों के अनुसार घटना को अंजाम देने के बाद शूटर कार को अतीक अहमद के घर के पास छोड़कर फरार हो गए थे.
17 साल से चल रही थी उमेश पाल और अतीक अहमद की दुश्मनी
अतीक अहमद और उमेश पाल सिंह की अदवात काफी पुरानी थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह रहे उमेश पाल का साल 2006 में अतीक अहमद ने अपहरण करवा लिया था.
उमेश पाल का अपहरण करवा कर राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद ने अपने पक्ष में गवाही करवा ली थी.
उमेश पाल ने इसी अपरहण मामले में अतीक अहमद पर केस दर्ज करवाया था. अपहरण के इसी मामले में कोर्ट में बहस के लिए 24 फरवरी को उमेश पाल कोर्ट गया था जहां से लौटते वक्त उसकी हत्या कर दी गई.
उमेश ने अतीक अहमद से बढ़ाई थी नजदीकियां: पूजा पाल
उमेश पाल की हत्या के बाद उसके परिजनों से मिलने आई राजू पाल की विधायक पत्नी पूजा पाल को परिवार के विरोध का सामना करना पड़ा था और उनके बीच बहस भी हो गई थी. अब पूजा पाल ने कई हैरान कर देने वाले दावे भी किए हैं.
उन्होंने अपने और उमेश के रिश्तों में (भाई-बहन) आई खटास के साथ ही उमेश और अतीक के गुर्गों से नजदीकी से जुड़ी बातें कही हैं.
पूजा पाल ने कहा, "मैं घर में बोलूं या कहीं और, मैं सही बात बोलती हूं. इसलिए लोग मुझसे नाराज रहते हैं. रिश्ता ईमानदारी से निभाएंगे तो रिश्ता चलेगा. अगर इमानदारी से दुश्मनी करेंगे तभी लड़ पाएंगे. 6 महीने तक मैं उमेश पाल से बोलती रही लेकिन उन्होंने अतीक अहमद के पक्ष में गवाही दे दी. इससे हमारे रिश्ते में खटास आ गई. 2005 से लेकर 2016 तक उमेश पाल से मेरी बातचीत नहीं हुई. पूरा इलाका इस बात का गवाह है."
अतीक अहमद गैंग के शूटर हत्या में शामिल
अब तक की जांच में ये भी सामने आया है कि उमेश पाल की हत्या करने आए 7 में से 2 शूटर अतीक अहमद गैंग के ही थे. उमेश पाल की हत्या के बाद उसके उसके प्रॉपर्टी विवादों पर भी जांच हो रही थी, लेकिन घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस में मिले मोबाइल नंबर के आधार पर 2 शूटर्स का कनेक्शन अतीक अहमद से जुड़ा हुआ पाया गया है.
हत्या में बीजेपी नेता के भाई का नाम आया सामने
उमेश पाल की हत्या के मामले में यूपी पुलिस और एसटीएफ दिन-रात वारदात को अंजाम देने वाले हमलावरों की तलाश में है. इस मामले में अब बड़ा और सनसनीखेज खुलासा हुआ है. हत्याकांड में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर अध्य्क्ष राहिल हसन के भाई गुलाम हसन का नाम सामने आया है. उसे नामजद भी किया गया है.
हत्यारों को मिट्टी में मिला देंगे: सीएम योगी
उमेश पाल की हत्या के बाद यूपी की राजनीति भी गर्म है. विधानसभा में विपक्ष के कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हमलावरों को चेतवानी देते हुए कहा कि ऐसे तत्वों को मिट्टी में मिला देंगे.
इस केस में पीड़ित परिवार द्वारा अतीक अहमद और उसके बेटों को आरोपी बनाए जाने के बाद सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे लोगों को किसने आगे बढ़ाया, किसने उन्हें सांसद बनाया. सीएम की इस टिप्पणी पर अखिलेश यादव के तेवर भी सख्त हो गए और सदन में ही दोनों के बीच तीखी बहस हो गई.
48 घंटे बाद भी STF के हाथ खाली
हत्या के 48 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी अभी तक पुलिस और एसटीएफ के हाथ खाली हैं. उमेश पाल के कातिलों को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ की 10 टीमें लगातार छापेमारी और चेकिंग कर रही है. शूटरों को पकड़ने के लिए प्रयागराज से बाहर जाने वाले रास्तों पर पुलिस विशेष चेकिंग अभियान चला रही है.
इतना ही नहीं रात भर प्रयागराज में संदिग्धों के ठिकानों पर रेड की गई है. पुलिस दबाव के चलते हत्यारे प्रयागराज छोड़कर ना भाग जाएं इसलिए जिले की सीमा पर भी चेकिंग चल रही है. एयरपोर्ट पर भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.
राजधानी लखनऊ की एसटीएफ टीम ने भी प्रयागराज में डेरा डाल दिया है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में यूपी एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों की छानबीन में लगी है. (इनपुट - संतोष शर्मा / पंकज श्रीवास्तव / आनंद राज)