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जेल में एकाएक भावुक हो गई मुस्कान, जिंदगी बदलने के लिए पढ़ेगी ये किताब

मेरठ जेल में बंद मुस्कान की आंखों में एकाएक आंसू आ गए. वह अपनी जिंदगी बदलने को बेताब दिख रही है. इस बात का पता उस समय चला जब मेरठ के सांसद अरुण गोविल वहां पहुंचे थे. वह ‘घर-घर रामायण’ अभियान चला रहे हैं और इसी कड़ी में मेरठ जेल गए थे. वहां उन्होंने लगभग 1500 कैदियों को रामायण वितरित की. मुस्कान को भी रामायण मिली. जिसे पढ़कर वह जिंदगी बदलने की कोशिश करेगी.

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मेरठ जेल में बंद मुस्कान
मेरठ जेल में बंद मुस्कान

मेरठ जेल में बंद मुस्कान एकाएक भावुक हो गई. उसकी आंखों में आंसू आ गए. ये सब तब हुआ जब जेल में मेरठ के सांसद अरुण गोविल वहां पहुंचे. दरअसल वह चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में रामायण बांटने पहुंचे थे. जहां जेल में बंद सौरभ हत्याकांड के आरोपी मुस्कान और साहिल को भी रामायण दी गई . सांसद का कहना है की दोनों ने स्वेच्छा से रामायण ली और कहा कि वो इसे पढ़ेंगे. जिससे उनकी जिंदगी में परिवर्तन आएगा. 

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रामायण से जीवन में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद

सांसद अरुण गोविल ने कहा कि मुस्कान और साहिल ने स्वेच्छा से रामायण ली और यह विश्वास जताया कि वे इसे पढ़ेंगे. उन्होंने कहा, हर इंसान भावनात्मक होता है. उनसे अपराध किया है. रामायण पढ़ने से हर किसी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है, क्योंकि यह हमें जीवन जीने का सही सलीका सिखाती है.

घर-घर रामायण अभियान के तहत जेल में वितरण

सांसद अरुण गोविल इन दिनों ‘घर-घर रामायण’ अभियान चला रहे हैं और इसी कड़ी में मेरठ जेल पहुंचे थे. वहां उन्होंने लगभग 1500 कैदियों को रामायण वितरित की. इस दौरान जेल परिसर जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा. महिला और पुरुष बंदियों को चार स्थानों पर रामायण वितरित की गई.

सकारात्मक पहल का समर्थन

जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने बताया कि मुस्कान और साहिल ने खुशी-खुशी रामायण ली. उन्होंने कहा, रामायण पढ़ने से स्वाभाविक रूप से भावनाएं जागृत होती हैं और यही इस पुस्तक की विशेषता है. मुस्कान और साहिल पहले नशे की हालत में थे, लेकिन अब उनके व्यवहार में सुधार दिख रहा है. वे सामान्य जीवन की ओर लौटने की कोशिश कर रहे हैं.

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जेल में मुस्कान सीखेगी सिलाई, साहिल उगाएगा सब्जी

जेल प्रशासन ने दोनों से पूछा कि वे कौन-कौन से कौशल सीखना चाहते हैं. मुस्कान ने बताया कि वह सिलाई सीखना चाहती है, इसलिए उसे जेल में कपड़े सिलने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. वहीं, साहिल ने खेती में रुचि दिखाई और उसने सब्जियां उगाने की इच्छा जताई. प्रशासन ने इसे स्वीकार कर लिया और 1 अप्रैल से दोनों को उनके इन कार्यों में प्रशिक्षित किया जाएगा.

अलग-अलग बैरक में रहेंगे दोनों

नियमों के अनुसार, नए कैदियों को 10 दिन की निगरानी अवधि के बाद बैरक अलॉट की जाती है. अब मुस्कान और साहिल को अलग-अलग बैरक दी गई हैं. हालांकि, दोनों ने फिर से एक ही बैरक में रहने की इच्छा जताई, लेकिन जेल नियमों के अनुसार ऐसा संभव नहीं हो सका.

रेखा जैन लड़ रहीं हैं दोनों का केस 

मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने मेरठ जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक मेरठ के माध्यम से सरकारी वकील की मांग की थी. इस अनुरोध के बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दीवानी न्यायालय, मेरठ ने सरकारी वकील रेखा जैन को इसके लिए नियुक्त किया है. इस तरह वो मुस्कान और साहिल के केस में  पैरवी करेंगी. 

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