वाराणसी में एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए पूर्व मुस्लिम पार्षद हाजी शाहिद अली मुन्ना ने सरकारी पशु अस्पतालों में गायों के मुफ्त इलाज की मांग उठाई है. खास बात यह है कि उन्होंने अपनी इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए महाकुंभ 2025 से वाराणसी पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच जागरूकता अभियान शुरू किया है. वह श्रद्धालुओं को पर्चे (पेम्फलेट) बांटकर गायों के इलाज को मुफ्त कराने की अपील कर रहे हैं, जिससे सनातनी श्रद्धालु भी काफी प्रभावित हो रहे हैं और उनकी सराहना कर रहे हैं.
गौ सेवा की प्रेरणा और महाकुंभ में जागरूकता अभियान
हाजी शाहिद अली मुन्ना ने बताया कि गौ सेवा की प्रेरणा उन्हें कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान मिली, जब कई गायें भूखी और बीमार हालत में इधर-उधर भटक रही थीं. तब से उन्होंने गौ सेवा का संकल्प लिया और अब वे चाहते हैं कि सरकारी अस्पतालों में गायों का इलाज भी इंसानों की तरह मुफ्त हो. इसी मांग को लेकर उन्होंने महाकुंभ में पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच जाकर इस विषय पर जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया.
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'गाय का इलाज मुफ्त करो'-बैनर और धरना प्रदर्शन
अपनी मुहिम को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए हाजी शाहिद अली मुन्ना ने 'गाय का इलाज मुफ्त करो' नामक एक बैनर भी बनवाया है, जिसमें उनकी गौ सेवा की तस्वीरों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गौ सेवा करते हुए तस्वीरें भी शामिल हैं. इसके अलावा, उन्होंने नगर निगम के टाउन हॉल मैदान में चल रहे बजट सत्र के दौरान मीनी सदन बैठक के बाहर धरना प्रदर्शन किया, ताकि उनकी यह मांग सरकार तक पहुंचे और गायों के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके.
पूर्व पार्षद की मुख्य मांगें
गायों के इलाज को लेकर पूर्व पार्षद की मुख्य मांगें ये हैं कि नगर निगम वाराणसी के पशु चिकित्सालय में गायों के निशुल्क इलाज की व्यवस्था की जाए. वर्ष 2025-26 के बजट में पशु चिकित्सा सेवाओं के लिए कम से कम ₹5 करोड़ की व्यवस्था की जाए. दुर्घटना में घायल गायों और अन्य पशुओं के इलाज के लिए नगर निगम अस्पतालों में विशेष व्यवस्था की जाए. पशु चिकित्सालयों में अनुभवी डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए. कांजी हाउस में बंद पशुओं की देखभाल और सफाई के लिए नियमित कर्मचारियों की तैनाती हो. कांजी हाउस की सफाई दिन में तीन बार हो और गोबर आदि हटाने के लिए आधुनिक व्यवस्था की जाए. पशुओं के चारे की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाए और स्वच्छ पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
इसके अलावा सभी पार्षद, सभासद निधि से हर साल ₹5 लाख पशु चिकित्सालयों को दें, जिससे गायों का मुफ्त इलाज और देखभाल हो सके. शहर के डॉक्टरों, वकीलों और व्यापारियों से सहयोग लेकर गायों की सेवा, चारा-पानी और देखभाल की व्यवस्था की जाए. गायों और अन्य पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर टीकाकरण किया जाए.
श्रद्धालु हो रहे प्रभावित, मिल रहा समर्थन
महाकुंभ में आए श्रद्धालु एक मुस्लिम शख्स द्वारा गौ सेवा और गायों के इलाज को मुफ्त कराने की मांग को लेकर काफी प्रभावित नजर आ रहे हैं. कई श्रद्धालुओं ने कहा कि यह पहल समाज में एक अच्छा संदेश दे रही है और हमें भी इससे सीख लेनी चाहिए. पूर्व पार्षद हाजी शाहिद अली मुन्ना की यह मुहिम अब सरकार और नगर निगम के संज्ञान में आ गई है. प्रशासन का कहना है कि वे इस मामले पर विचार करेंगे और देखेंगे कि इसे कैसे लागू किया जा सकता है.