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कुरुक्षेत्र के धर्म सरोवर से जल लेकर Ayodhya के लिए निकले खुर्शीद आलम, बोले- भगवान राम सबके हैं

हरियाणा के रहने वाले खुर्शीद आलम कुरुक्षेत्र के धर्म सरोवर से जल लेकर अयोध्या के लिए निकले हैं. उनका कहना है कि वे ये जल राष्ट्रीय संघ महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद को देंगे. स्वामी ज्ञानानंद इस जल को भगवान राम के चरणों में अर्पित करेंगे. खुर्शीद आलम ने कहा कि देश की तरक्की के लिए सबको मिलजुल कर रहना चाहिए.

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जल लेकर अयोध्या के लिए निकले खुर्शीद आलम.
जल लेकर अयोध्या के लिए निकले खुर्शीद आलम.

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हर तरफ उत्साह का माहौल है. हरियाणा के करनाल के रहने वाले खुर्शीद आलम कुरुक्षेत्र के धर्म सरोवर से जल लेकर अयोध्या के लिए निकले हैं. उनका कहना है कि ये जल मैं अयोध्या जाकर राष्ट्रीय संघ महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद को दूंगा, वे इसे भगवान राम के चरणों में अर्पित करेंगे.

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खुर्शीद आलम 800 किलोमीटर के सफर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर बाइक से पहुंचे थे. इस दौरान बातचीत में उन्होंने कहा कि भगवान राम सबके हैं, वह किसी एक वर्ग या मजहब के नहीं हैं.

अयोध्या के लिए निकले राम भक्त खुर्शीद आलम ने कहा कि मैं करनाल हरियाणा से हूं. मैं कुरुक्षेत्र के धर्म सरोवर से जल लेकर अयोध्या जी जा रहा हूं. वहां मैं राष्ट्रीय संघ महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी स्वामी को परम सरोवर का जल दूंगा. वह प्रभु श्री राम के चरणों में अर्पित करें, यही मेरा लक्ष्य है.

अयोध्या के लिए निकले खुर्शीद आलम.

खुर्शीद बोले- सभी को भाईचारे का संदेश देना चाहता हूं

खुर्शीद आलम ने कहा कि भगवान राम सबके हैं, वह किसी एक धर्म, वर्ग, मजहब के नहीं हैं. भगवान राम सभी वर्णों और सभी वर्गों के हैं. हम सब भगवान राम के ही वंशज हैं. प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुझे निमंत्रण मिला है. वह निमंत्रण मैं अपने पास इसलिए नहीं रख पाया, क्योंकि मुझे ये डर था कि कहीं रास्ते में वह मुझसे मिस ना हो जाए.

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उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संघ महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के पास मेरा निमंत्रण है. उन्होंने चलते हुए कहा था कि इसको साथ ले जाओ तो मैंने कहा था कि आपका आशीर्वाद मेरे साथ है. उसकी वहां मुझे जरूरत पड़ेगी तो यह मैं आपसे वहां ले लूंगा. मैं सबको आपसी भाईचारे का संदेश देना चाहता हूं. हम सबको आगे आना चाहिए. भगवान राम का आदर, मान-सम्मान एवं स्वागत करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि आपसी भाईचारे के लिए, हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए यही एक उद्देश्य है. देश की बढ़ोतरी के लिए हम सबको मिलजुल कर रहना चाहिए. कुरुक्षेत्र से मेरा यह 800 किलोमीटर का सफर है. मैं बाइक से सफर तय कर रहा हूं. 20 जनवरी को प्रातः भगवान श्री राम के दर्शन करने अयोध्या श्री में प्रवेश करूंगा.

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