योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. 2014 लोकसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में उन्हें दोषी पाया गया है और एक साल की सजा सुनाई गई है. उन पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लग गया है. आईपीसी की धारा 147 और 323 में उन्हें दोषी पाया गया है.
जानकारी के लिए बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नंदी पर आरोप लगा था कि उनके समर्थकों द्वारा तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह की जनसभा में हमला करवाया गया. सपा समर्थकों को लेकर जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल हुआ. आरोप ये भी लगा कि सपा कार्यकर्ताओं की रैली के दौरान पिटाई गई जिसमें कई घायल हो गए. उस समय नंदी कांग्रेस पार्टी में थे और उनके खिलाफ सपा ने थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई थी. अब उसी मामले में 9 साल बाद नंदी दोषी पाए गए हैं. उन्हें एक साल की सजा सुनाई गई है. दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगा है. इस मामले में सपा कार्यकर्ता वेंकटरमण शुक्ला ने नंदी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी.
वैसे यहां ये जानना जरूरी है कि एक साल की सजा के बावजूद भी नंदी की विधानसभा की सदस्यता रद्दा नहीं होगी. सदस्यता रद्द होने के लिए दो या फिर उससे ज्यादा साल की सजा होनी चाहिए. लेकिन यहां क्योंकि एमपी एमएलए कोर्ट ने एक साल की सजा का ऐलान किया है, ऐसे में इस डिपार्टमेंट में नंदी को थोड़ी राहत है. अभी तक कोर्ट के इस आदेश पर नंदी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. बीजेपी ने भी मामले पर चुप्पी साध रखी है.