नए साल के पहले दिन अयोध्या और वाराणसी में श्रद्धालुओं का अभूतपूर्व सैलाब देखने को मिला. अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए लगभग तीन लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जबकि वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में 3.5 लाख से ज्यादा भक्तों ने पूजा-अर्चना की.
अयोध्या में मंगलवार शाम से ही दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे. बुधवार सुबह तक यह संख्या लगभग पांच लाख तक पहुंच गई. राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि सर्दियों की छुट्टियों और नए साल के जश्न के चलते अयोध्या अब एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनता जा रहा है.
भगवान के दर्शन के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राम जन्मभूमि परिसर में 10 अतिरिक्त दर्शन गैलरियां बनाई गईं, जिससे दर्शन लाइनों की संख्या 20 हो गई. पूरे शहर को सात सुरक्षा सेक्टर और 24 जोन में बांटा गया. ड्रोन कैमरों और भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ यातायात पर सख्त नियंत्रण रखा गया.
वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह 3 बजे से ही भीड़ जुटने लगी. शाम 4 बजे तक 3.5 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे. मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए दर्शन और गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगाई थी.
विश्वनाथ मंदिर में सुबह 3 बजे से ही भीड़ जुटने लगी
जिलाधिकारी और पुलिस बल ने शहर के प्रमुख घाटों और मंदिरों पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में पांच सुरक्षा सेक्टर और 45 ड्यूटी प्वाइंट बनाए गए. अयोध्या में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर प्रशासन ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की. कई रास्तों पर वाहनों की नो एंट्री कर दी गई है.