उत्तर प्रदेश के सीतापुर में 'जल जीवन मिशन' योजना के तहत बनी पानी की टंकी ट्रायल के दौरान ही ढह गई. इस घटना के पीछे की वजह टंकी के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल बताया जा रहा है. हालांकि, इस बारे में कोई भी अधिकारी सीधे तौर पर बोलने को तैयार नहीं है. फिलहाल, इलाके के एसडीएम अभिनव यादव ने इस घटना को लेकर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को भेज दी है.
दरअसल, महोली तहसील क्षेत्र के चिथला गांव में जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत जलापूर्ति के लिए 375.18 लाख रुपये की लागत से पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था. इस टंकी का ट्रायल काम चल रहा था. तभी टंकी के घटिया पिलर टेढ़े हो गए और तेज आवाज के साथ टंकी फट गई. संयोग ही रहा कि उस वक्त टंकी के आसपास कोई नहीं था. इस वजह से कोई व्यक्ति इसकी चपेट में नहीं आया. गौरतलब है कि इस टंकी का निर्माण एनसीसी लिमिटेड नामक एजेंसी ने कराया था.
ये भी पढ़ें- सीतापुर: जिला अस्पताल में तीमारदार और वार्ड बॉय में मारपीट, Video Viral
अफसरों ने जांच के लिए लिए नमूने
पानी की टंकी गिरने के बाद सोमवार को एनसीसी लिमिटेड के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में कई इंजीनियर और जल निगम के एक्सईएन समेत एक टीम मौके पर पहुंची. टीम ने प्रथम दृष्टया माना कि टंकी का निर्माण की गुणवत्ता ठीक नहीं थी. टीम ने मलबे से सीमेंट और ईंट के नमूने लिए और कहा कि इन्हें इंजीनियरिंग कॉलेज भेजेंगे. अफसरों ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद हादसे की असली वजह सामने आएगी.
देखें वीडियो...
सपा ने लगाया घटिया निर्माण का आरोप
उधर, सपा के राष्ट्रीय सचिव अनूप गुप्ता भी मौके पर पहुंचे और कार्यदायी संस्था पर एक छोटे डीलर से घटिया काम कराने का आरोप लगाया. उधर, मामले को दबाने के लिए रात में ही मौके से पूरा मलबा हटा दिया गया. इस मामले में एसडीएम महोली ने रविवार को ही पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को भेज दी थी, जिसमें उन्होंने हादसे की जांच कराने का अनुरोध किया था.