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'सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा', लखनऊ में सपा-बीजेपी कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर

लखनऊ में निषाद पार्टी की ओर से बीजेपी-सपा कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं. इसमें लिखा है- सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा. कहा जा रहा है कि उपचुनाव में बीजेपी की ओर से मझवां सीट नहीं दिए जाने के बाद निषाद पार्टी ने अब 2027 के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स अपनाई है.

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लखनऊ में निषाद पार्टी की ओर से लगाए गए पोस्टर
लखनऊ में निषाद पार्टी की ओर से लगाए गए पोस्टर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगाए जाने वाले पोस्टर अकसर चर्चाओं में रहते हैं. हाल ही में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को लेकर एक पोस्टर लगाया था, जिसमें उन्हें सत्ताईस का सत्ताधीश बताया गया था. अब लखनऊ में लगा एक नया पोस्टर सुर्खियों में हैं. यह पोस्टर निषाद पार्टी के एक नेता की ओर से सपा कार्यालय, बीजेपी कार्यालय और सीएम आवास समेत कई जगहों पर लगाया गया है. 

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इस पोस्टर को निषाद पार्टी के नेता बिजेंद्र कुमार त्रिपाठी द्वारा लगवाया गया है. जिसमें लिखा है- 'सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा.' यह पोस्टर केवल बीजेपी ऑफिस के बाहर ही नहीं सपा कार्यालय, मुख्यमंत्री आवास, बीजेपी कार्यालय, राजभवन और संजय निषाद के आवास समेत कई जगहों पर लगाया गया है. इस पोस्टर के जरिए निषाद पार्टी की ओर से निषाद वोट बैंक की ताकत दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. इससे पहले निषाद पार्टी की ओर से एक और पोस्टर लगाया था, जिसमें उन्हें सत्ताईस का खेवनहार बताया गया था. 

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निषाद पार्टी मझवां सीट पर कर रही थी दावेदारी 

दरअसल यूपी की 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में निषाद पार्टी को बीजेपी ने एक भी सीट नहीं दी है. निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद लगातार मिर्जापुर की मझवां सीट पर दावेदारी कर रहे थे और निषाद पार्टी के नेता यहां से सीट के लिए टिकट पाने के लिए सक्रिय थे. इतना ही नहीं इसको लेकर संजय निषाद ने बीजेपी के बड़े नेताओं से दिल्ली में मुलाकात भी की थी, लेकिन बीजेपी ने यहां से सुष्मिता मौर्या को टिकट दे दिया. 

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निषाद पार्टी की प्रेशर पॉलिटिक्स!

बताया जा रहा है कि निषाद पार्टी को उपचुनाव में एक भी सीट नहीं मिलने के बाद अब ये नया दांव चला गया है. पार्टी के नेता बीजेपी को एक संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि निषाद समाज के बिना कोई भी पार्टी सत्ता की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाएगी. ये एक तरह की प्रेशर पॉलिटिक्स है, जोकि बीजेपी पर बनाया जा रहा है. निषाद पार्टी अब इन बैनर-पोस्टर के जरिए दिखाने का प्रयास कर रही है कि 2027 में निषाद वोटबैंक बीजेपी के लिए कितना जरूरी है. 

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