दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जो सोशल मीडिया पर उत्पादों के प्रचार और डिस्ट्रीब्यूटर उपलब्ध कराने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा था. इस मामले में 13 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 10 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं.
हालांकि, इस कॉल सेंटर का संचालक मयंक तिवारी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 10 लैपटॉप, 2 कंप्यूटर, 10 मोबाइल फोन, एक प्रिंटर, चेक बुक्स और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं.
ऐसे करते थे ठगी
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि यह गिरोह अलग-अलग राज्यों के फैक्ट्रियों से संपर्क करता था और उन्हें सोशल मीडिया पर उत्पादों के प्रचार और वितरकों की उपलब्धता का झांसा देता था. इसके बदले में आरोपियों ने 3 से 4 लाख रुपये तक की राशि वसूली, लेकिन वादे के मुताबिक कोई सेवा नहीं दी जाती थी.
आरोपी खास तौर पर दूर-दराज के राज्यों के लोगों को अपना शिकार बनाते थे ताकि उनके खिलाफ तुरंत कोई कानूनी कार्रवाई न हो सके. पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सेंट्रल नोएडा, शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि सेक्टर-63 थाना पुलिस की टीम और स्थानीय खुफिया इकाई की मदद से सेक्टर-63 के जी-65, जी ब्लॉक में चल रहे इस फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया है.
डीसीपी अवस्थी के मुताबिक, आरोपी 8 से 10 वितरकों का नेटवर्क बनाने और उत्पादों की सोशल मीडिया मार्केटिंग करने का झांसा देकर व्यापारियों से मोटी रकम ऐंठते थे. जब ग्राहक उनकी सेवाओं को लेकर सवाल करते, तो उनकी कॉल्स ब्लॉक कर दी जाती थीं. फिलहाल, पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस फरार मुख्य आरोपी मयंक तिवारी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.