यूपी एसटीएफ ने दिल्ली के द्वारका सेक्टर 3 से एक तिब्बती नागरिक को गिरफ्तार किया है. वह यहां रहकर चाइनीज हैकर्स के लिए काम कर रहा था. वह भारत के लोगों के बैंक खातों की डिटेल्स चीन, श्रीलंका और नेपाल में बैठे हैकरों को उपलब्ध कराता था. उसके पास से फर्जी पासपोर्ट सहित कई सारे अवैध दस्तावेज मिले हैं.
आरोपी चीन, नेपाल और श्रीलंका में साइबर हैकर्स को बैंक खाता उपलब्ध कराता था. अब तक की पूछताछ में 26 भारतीय बैंक खातों का पता चला है. अब एसटीएफ इसके अन्य साथियों और गिरोह के बारे में पूछताछ कर रही है.
एसटीएफ ने बताया गया कि आरोपी नेपाल एवं श्रीलंका में बैठे चाइनीज साइबर अपराधियों के संपर्क में था. वह भारतीय व्यक्तियों और फर्मो के बैंक खाते की जानकारी अपने परिचित विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराता था. इसका इस्तेमाल साइबर क्राइम में किया जा रहा था. आरोपी के पास से फर्जी पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, एटीएम, कार्ड और कंबोडिया देश का सिम कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किया गया है.
दार्जलिंग से फर्जा पासपोर्ट बनवाकर आया था दिल्ली
यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में आए तिब्बत के इस नागरिक का नाम शिंजो ताराचिन्न है, जो 2013 में दार्जिलिंग से फर्जी पासपोर्ट चंदा ठाकुर के नाम से बनवाकर यहां आया था. शिंजो ताराचिन्न ने चीन, मलेशिया, थाईलैंड और दुबई जैसे कई देशों की यात्रा की है. इस दौरान नेपाल और श्रीलंका में बैठे चाइनीज अपराधियों के संपर्क में आया और भारतीय व्यक्तियों और फर्मों के बैंक खातों को अपने परिचित विदेशी नागरिकों को उपलब्ध करने लगा.
पहले भी नौ महीने जेल में रहा है शख्स
शिंजो ताराचिन्न ने 2019 में एक भारतीय बैंक अकाउंट चीनी साइबर अपराधी को उपलब्ध कराया था. उस अकाउंट से लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन होने के बाद अकाउंट होल्डर ने दिल्ली के जीटीवी एनक्लेव थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें आरोपी शिंजो ताराचिन्न जेल गया था और लगभग 9 माह जेल में रहा था. जेल से छूटने के बाद शिंजो ताराचिन्न की मुलाकात द्वारका के रहने वाले नंदू उर्फ नरेंद्र यादव से हुई. उसके साथ मिलकर नेपाल एवं श्रीलंका में बैठे चाइनिज हैकरों के लिए काम करता था.