अतीक, अशरफ, मुन्ना बजरंगी, मुकीम काला और अंशु दीक्षित की हत्या के बाद यूपी से माफियाओं का अंत का दावा भले किया जा रहा हो, लेकिन सच्चाई इससे उलट है. यूपी पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में अभी भी 26 इनामी बदमाश ऐसे हैं जो फरार हैं. कई बदमाशों के बारे में तो पुलिस के पास तस्वीर के अलावा कोई सुराग तक नहीं है.
यूपी पुलिस के मोस्टवांटेड की लिस्ट में सबसे पहला नाम एक महिला का है. दीप्ति बहल पर 5 लाख का इनाम है. वह 4200 करोड़ के बाइक बोट घोटाले के मास्टरमाइंड संजय भाटी की पत्नी है. यूपी पुलिस को बीते 4 सालों से दीप्ति बहल की तलाश है. देशभर में बाइक बोट घोटाले की 100 से अधिक एफआईआर दर्ज है, जिनमें दीप्ति बहल भी नामजद है.
दूसरे नंबर पर राशिद नसीम है. शाइन सिटी के नाम से हाउसिंग सोसायटी से अरबों रुपए डकार कर फरार राशिद नसीम अब दुबई में रहता है. उस पर 5 लाख का इनाम है.
तीसरे नंबर पर मेरठ का रहने वाला बदन सिंह बद्दो है. यूपी पुलिस ने बदन सिंह बद्दो पर ढाई लाख का इनाम घोषित कर रखा है. चर्चा है कि बदन सिंह बद्दो यूरोप में छिप कर बैठा है.
चौथे नंबर पर गोरखपुर का रहने वाले राघवेंद्र यादव है, जिस पर ढाई लाख का इनाम है. 7 साल से फरार चल रहे राघवेंद्र यादव गोरखपुर रेंज में आतंक का दूसरा नाम है.
पांचवें नंबर पर अतीक उर रहमान उर्फ बाबू है, जो मुख्तार का करीबी रिश्तेदार और शार्प शूटर है. 22 सालों से फरार अतीक उर रहमान उर्फ बाबू पर सीबीआई ने 200000 का इनाम घोषित कर रखा है.
छठवें नंबर पर गाजीपुर का रहने वाला शहाबुद्दीन है, जो भी मुख्तार अंसारी का ही शूटर बताया जाता है. इस पर भी सीबीआई ने 2 लाख का इनाम घोषित कर रखा है.
सातवें नंबर पर विश्वास नेपाली है. 50 हजार का इनामी विश्वास नेपाली मुख्तार गैंग का शूटर है. वाराणसी पुलिस को विश्वास नेपाली की तलाश है लेकिन वो नेपाल में छिपकर ट्रांसपोर्ट का बिजनेस कर रहा है.
आठवें नंबर पर भदोही के रहने वाला पिंटू उर्फ रूद्रेश उपाध्याय है, जिस पर 50,000 का इनाम है. बीते 8 सालों से पिंटू उपाध्याय की यूपी पुलिस को तलाश है.
नौवें नंबर पर वाराणसी का रहने वाला मनीष सिंह है. डेढ़ दशक से फरार मनीष सिंह को लेकर यूपी पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है. बस यही कहा जाता है कि बृजेश सिंह गैंग को मनीष सिंह ही ऑपरेट करता है.
10वें नंबर पर सुनील यादव है. मुन्ना बजरंगी का करीबी रहा सुनील यादव 2011 से ही फरार है.