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महाकुंभ भगदड़ हादसे में 30 लोगों की जान चली गई और 60 लोग घायल हो गए. इनमें कई लोग ऐसे हैं जिनकी अभी पहचान नहीं हो सकी है. वहीं, मेले में कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें उनके परिजनों की कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. वे परेशान होकर इधर-उधर भटक रहे हैं. इन सबके बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार के मामने एक डिमांड रख दी है. वहीं, सपा सांसद रामगोपाल यादव ने बड़ा आरोप लगाया है.
अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर लिखा कि महाकुंभ में जिन लोगों के अपने बिछड़ गए हैं, सूचना के अभाव में उनके अंदर ये आशंका जन्म ले रही है कि कहीं उन्होंने अपने परिवार, परिजनों को हमेशा के लिए तो नहीं खो दिया है. इस आशंका को दूर करने के लिए एक सरल उपाय ये है कि सरकार महाकुंभ हादसे में जीवन गंवाने वालों की सूची जारी कर दे. यदि मृतक चिन्हित नहीं हैं तो उनके वस्त्र-चित्रादि माध्यम से पहचान कराई जाए.
इस प्रयास से आशंकाओं का उन्मूलन होगा और तीर्थयात्रियों में इस आशा का संचार होगा कि उनके अपने खोए ज़रूर हैं, पर सद्प्रयासों आज नहीं तो कल मिल ही जाएंगे.
रामगोपाल यादव का बयान
वहीं, सपा सांसद रामगोपाल यादव ने महाकुंभ हादसे पर आरोप लगाया कि सरकार मरने वाले लोगों की संख्या छिपा रही है. इसलिए सपा इस मुद्दे को संसद में उठाएगी.
रामगोपाल ने कहा कि सभी मृतकों/घायलों का नाम और पता बताना चाहिए. सरकार सही संख्या नहीं बता रही है. मैंने राजनाथ सिंह से कहा कि आप यूपी से आते हैं और ये गंभीर मामला है, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, मैंने कुंभ को लेकर चर्चा की मांग की है.
महाकुंभ मेला क्षेत्र में भगदड़ कैसी मची?
इसको लेकर DIG महाकुंभ मेला वैभव कृष्ण ने बताया कि मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त से पहले देर रात एक से दो बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना. उस दबाव के कारण दूसरी ओर के अवरोधक टूट गए और भीड़ के लोगों ने अवरोधक लांघ कर दूसरी तरफ ब्रह्म मुहूर्त के स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को अनजाने में कुचलना शुरू कर दिया. इसी वजह से यह घटना हुई, जिसमें 30 श्रद्धालु मारे गए.