साल 1993 में बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की एक फिल्म रिलीज हुई थी जिसका नाम 'खलनायक' था. इस फिल्म का एक गाना, 'नायक नहीं खलनायक हूं मैं' उस वक्त बेहद लोकप्रिय हुआ था. ये गाना आजकल यूपी में नए मंत्री बने ओम प्रकाश राजभर पर भी फिट बैठ रहा है. खुद को 'गब्बर' बताने वाले ओम प्रकाश राजभर 24 घंटे में उस मोड से बाहर निकल आए और अब खुद को नायक कहने लगे हैं.
पहले खुद को बताया था गब्बर
दरअसल मंत्री बनने के बाद ओम प्रकाश राजभर ने एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि मुझे भी गब्बर समझ लो. उन्होंने कहा था, 'मैं कहता हूं किसी थाने पर जाओ, लेकिन सफेद गमछा मत लगाओ. हमारा पीला गमछा लगाओ. पीला गमछा लगाकर जब थाने पर जाओगे तब तुम्हारी शक्ल में दरोगा को राजभर (ओम प्रकाश) दिखेगा. जाकर बता देना कि मंत्री जी ने भेजा है. उन्होंने आगे कहा, दरोगा, DM, SP में पावर नहीं है कि फोन लगाकर पूछे कि मंत्री ने लोगों को भेजा है या नहीं. शोले में एक गब्बर सिंह था, तो मुझे भी गब्बर समझ लो.'
अब राजभर ने खुद को कहा नायक
हालांकि बयान की चर्चा होने के बाद 24 घंटे के भीतर ही राजभर खुद को नायक बताने लगे. एक पत्रकार द्वारा सवाल पूछे जाने पर राजभर ने उसे समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव का एजेंट बताते हुए गब्बर वाले बयान को लेकर सफाई दी. राजभर ने कहा, 'गरीबों की सेवा के लिए उनके मन में उत्साह है. सदियों से गुंडागर्दी के दम पर समाजवादी पार्टी की सरकार में गरीबों के मनोबल को दबाया गया था, उनका मनोबल बढ़ाने के लिए हम पूर्वांचल की भाषा मे उनको बोलते हैं, उसको आप दूसरी भाषा में समझते हैं जबकि हमारी भाषा दूसरी होती है, वो खलनायक की भूमिका नहीं था वो हीरो की भूमिका थी. शोले फ़िल्म में हीरो कौन था, खलनायक उसको बोलेंगे ?'
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया और मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने मंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा था कि मुख्यमंत्री के बाद सबसे ज्यादा ताकत उन्हीं के पास हैं, उन्होंने कहा था, 'आप लोगों ने देखा कि मुख्यमंत्री बैठकर ओम प्रकाश राजभर को शपथ दिला रहे थे. हम मंत्री बनेंगे- बोलो कहा था या नहीं? ललकार कर कहा था कि मंत्री बनेंगे और बनकर दिखा दिया. आज मुख्यमंत्री की पावर के बाद अगर किसी के पास पावर है तो वो ओमप्रकाश राजभर के पास है.'