सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का समर्थन किया है. राजभर ने कहा कि देशभर के सभी नागरिकों के लिए एक कानून होना चाहिए और जो कुछ भी देश हित में होगा हम उसका समर्थन करेंगे. राजभर ने कहा कि यदि गोवा में यूसीसी लागू है तो अन्य राज्यों में क्यों लागू नहीं हो सकता है?
2024 चुनाव को लेकर कही ये बात
लखनऊ में पार्टी की प्रदेश स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि इस बार उनके समर्थन के बगैर दिल्ली में कोई सरकार नहीं बनेगी. उन्होंने कहा कि आने वाला समय सुभासपा का है और कोई भी दल बिना सुभासपा के दिल्ली की सत्ता पर काबिज नहीं हो सकता है. राजभर के अलावा इस बैठक में पार्टी के तमाम नेता मौजूद रहे.
बीजेपी से बढ़ी हैं नजदीकियां
दरअसल बीते कुछ समय से राजभर की बीजेपी से नजदीकियां बढ़ी हैं. यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी पर हमलावर रहे राजभर ने बीते दिनों कुछ बीजेपी नेताओं से भी मुलाकात की थी. भाजपा से गठबंधन को लेकर राजभर ने कहा कि राजनीति में सब संभव है. सभी के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं. कोई रोक नहीं हैं. मेरी कोई बड़ी डिमांड नहीं है. जब सीएम योगी वाराणसी पहुंचे थे तो राजभर ने यहां योगी से मुलाकात की थी. इसके बाद अटकलों का बाजार और गर्म हो गया औऱ कहा जा रहा है कि वह जल्द बीजेपी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं.
माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस सत्र में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) बिल पेश कर सकती है. UCC कानून संबंधी बिल संसदीय समिति को भी भेजा सकता है. मॉनसून सत्र में कई और बिल पारित होने की संभावना है. इनमें राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, दिवाला और दिवालियापन संहिता संशोधन बिल पेश हो सकते हैं.
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
- यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है, भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो. यानी हर धर्म, जाति, लिंग के लिए एक जैसा कानून. अगर सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम होंगे.
- समान नागरिक संहिता भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 का हिस्सा है. संविधान में इसे नीति निदेशक तत्व में शामिल किया गया है. संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है.
भारत में अभी अलग अलग कानून
भारत में अलग अलग धर्मों के अपने अपने कानून हैं. जैसे- हिंदुओं के लिए हिंदू पर्सनल लॉ. मुस्लिमों के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ. ऐसे में UCC का उद्देश्य इन व्यक्तिगत कानूनों को खत्म कर एक सामान्य कानून लाना है. आइए जानते हैं कि UCC अगर लागू होता है, तो किस धर्म पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
लोकसभा में आसान है बीजेपी की राह
लोकसभा में अकेले बीजेपी के ही 300 से ज्यादा सांसद हैं. एनडीए के घटक दलों को भी जोड़ लें तो आंकड़ा 350 सीट के आसपास पहुंच जाता है. लोकसभा से बिल पारित कराने में बीजेपी के सामने किसी तरह की अड़चन नहीं आएगी. वहीं राज्यसभा की बात करें तो इस समय उच्च सदन की आठ सीटें रिक्त हैं और कुल सदस्य संख्या 237 है.
राज्यसभा में आएगी अड़चन
ऐसे में वर्तमान संख्याबल के आधार पर राज्यसभा से बिल पारित कराने के लिए 119 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी. बीजेपी सांसद हरद्वार दुबे का हाल ही में निधन हो गया था जिसके बाद पार्टी के पास राज्यसभा में 91 सांसद बचे हैं. बीजेपी के गठबंधन सहयोगियों की सीटें भी मिला लें तो संख्याबल 108 तक पहुंचता है. ऐसे में उच्च सदन से बिल पारित कराने के लिए बीजेपी को 11 और सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा में 10 सांसद हैं और पार्टी ने यूसीसी का समर्थन करने का ऐलान भी कर दिया है. शिवसेना यूबीटी भी यूसीसी के मुद्दे पर सरकार के समर्थन में है. शिवसेना यूबीटी और आम आदमी पार्टी, दोनों अगर यूसीसी के पक्ष में मतदान करते हैं तो बीजेपी की राह आसान हो जाएगी.